नई दिल्ली ।। टीम अन्ना से वार्ता के लिए प्रणब मुखर्जी को नियुक्त किया गया है। इस बीच मनमोहन सिंह ने चिट्ठी लिख कर अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की है। अन्ना के अनशन से उपजे जनाक्रोश और आज संसद में विपक्षी दलों के जबर्दस्त विरोध के बाद प्रधानमंत्री ने खुद हस्तक्षेप करते हुए अन्ना हजारे से बातचीत का फैसला किया।

मनमोहन सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बात करने के बाद टीम अन्ना से बात करने के लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को नियुक्त किया है। उधर, टीम अन्ना की ओर से कौन-कौन लोग बात करेंगे यह खुद अन्ना तय करेंगे।

इससे पहले अरविंद केजरीवाल और सलमान खुर्शीद के बीच लंबी बातचीत हुई। लगभग पौन घंटे चली इस वार्ता के बाद कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी और प्रधानमंत्री ने फिर अंतिम प्रयास करते हुए समझौते का रास्ता साफ करने की पहल की।

प्रधानमंत्री ने एक निजी पत्र भी अन्ना हजारे को लिखा है, जिसमें उनसे अनशन खत्म करने की अपील की गई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वह अन्ना हजारे से इस बात से सहमत हैं कि भ्रष्टाचार बड़ी समस्या है और दोनों मिलकर इस दिशा में काम कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि टीम अन्ना के जन लोकपाल बिल को भी संसद की स्थायी समिति में पेश किया जाएगा, जो पहले से ही सरकारी लोकपाल बिल की समीक्षा कर रही है।

टीम अन्ना से बातचीत की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रणब मुखर्जी को सोच समझ कर दी गई है, क्योंकि टीम अन्ना कपिल सिब्बल और पी. चिदंबरम के रवैये से नाराज चल रही थी। कई मौकों पर प्रणब कांग्रेस को संकट से उबार चुके हैं। उन्हें पार्टी के भीतर तारणहार कहा जाता है। 

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