नई दिल्ली ।। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह प्रभावी लोकपाल विधेयक लाने के लिए प्रतिबद्ध है और अन्ना हजारे को 27 दिसंबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर जाने से पहले धैर्य रखना चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने पत्रकारों से कहा, “अन्ना हजारे को धैर्य रखना चाहिए।
उन्होंने अपने विचार दे दिए हैं। यह केवल एक दृष्टिकोण की बात नहीं है। यह सरकार पर है कि वह किन विचारों पर ध्यान दे।”
उन्होंने कहा, “सरकार एवं प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) प्रभावी लोकपाल विधेयक को लाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
हजारे ने 22 दिसबम्र को समाप्त हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र तक मजबूत लोकपाल विधेयक पारित न होने पर एक जनवरी से ‘जेल भरो’ अभियान एवं कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी एवं उनके पुत्र राहुल गांधी के आवास के सामने धरना देने का आह्वान किया था।
नारायणसामी ने कहा कि आधिकारिक संशोधन करने से पहले सरकार संसद की स्थायी समिति की अनुशंसाओं का अध्ययन कर रही है।
प्रस्तावित लोकपाल विधेयक को सर्वस्वीकार्य बनाने के लिए सरकार राजनीतिक दलों एवं अन्य समूहों से विचार कर रही है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रूस से वापस लौटने के बाद मंत्रिमंडल सोमवार को इस विधेयक पर विचार करेगा। विधेयक के मंगलवार को सदन में प्रस्तुत किए जाने की सम्भावना है।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री के स्वदेश लौटने के बाद सोमवार को कैबिनेट की विशेष बैठक हो सकती है, इसमें इस विवादास्पद विधेयक को हरी झंडी दी जा सकती है।
सूत्रों ने बताया है कि सरकार संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों और विभिन्न राजनीतिक दलों की मांगों को ध्यान में रखकर लोकपाल विधेयक में संशोधनों को अंतिम रूप दे रही है। सरकार 20 दिसम्बर को इस विधेयक को लोकसभा में पेश कर सकती है।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि विधेयक को पारित करवाने के लिए सरकार संसद का सत्र कुछ और दिन आगे बढ़ा सकती है।