नई दिल्ली ।। प्रभावी लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर पिछले 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे रविवार सुबह 10 बजे अपना अनशन छोड़ेंगे। उनकी मांगों के अनुरूप संसद में लाए गए प्रस्ताव पर बनी सैद्धांतिक सहमति के बाद उन्होंने शनिवार रात 9.15 बजे यह घोषणा की।

संसद के दोनों सदनों में शनिवार को लोकपाल मुद्दे पर अन्ना हजारे की मांगों के अनुरूप लाए गए प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पत्र लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार सीधे रामलीला मैदान पहुंचे और उन्होंने 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे को पत्र सौंपा।

रामलीला मैदान के मंच पर अन्ना हजारे और उनके सहयोगी अरविंद केजरीवाल के साथ मौजूद विलासराव देशमुख ने प्रधानमंत्री का पत्र वहां मौजूद हजारों समर्थकों को पढ़कर सुनाया।

देशमुख के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में कहा, “प्रिय, अन्ना हजारे जी आपने जो मुझे 26 अगस्त 2011 को पत्र लिखा उसके लिए धन्यवाद। आपने प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए जिन तीन बिंदुओं पर संसद में प्रस्ताव पारित कराने की बात कही थी। उन तीनों बिंदुओं पर संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पारित किया गया है। संसद तीन बिंदुओं पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है।”

प्रधानमंत्री के अनुसार, “सहमति के तीन बिंदुओं में पहली नागरिक संहिता तैयार कराना, दूसरा उपयुक्त तंत्र के जरिए निचली नौकरशाही को लोकपाल के दायरे में लाना और तीसरा राज्यों में लोकायुक्त की स्थापना शामिल है। संसद में आज [शनिवार] जो कार्यवाही हुई है उसे स्थायी समिति को भेजा जाएगा ताकि वह प्रस्ताव को देखते हुए विधेयक का पुनरीक्षण कर सके।” उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि संसद का प्रस्ताव देखते हुए आप अविलम्ब अपना अनशन समाप्त कर देंगे। हम सभी आपके अच्छे स्वास्थ्य एवं लम्बे जीवन की कामना करते हैं।”

इसके बाद अन्ना हजारे ने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा, “जन लोकपाल की यह आधी जीत हुई है। पूरी जीत अभी बाकी है। यह पूरे युवा शक्ति की जीत है। यह जनता की जीत है। यह सामाजिक संगठन की जीत है। यह मीडिया की जीत है।” उन्होंने कहा, “कल सबेरे 10 बजे आप सभी की उपस्थिति में मैं अपना अनशन खत्म करना चाहता हूं, वह भी आपकी अनुमति से।” इसके बाद अन्ना ने रविवार सुबह 10 बजे अनशन तोड़ने का ऐलान किया। इसके बाद सभी ने जन-गण-मन गाया।

इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल अधिक से अधिक संख्या में लोग रामलीला मैदान में आएं और इस जीत को सेलिब्रेट करें।

अन्ना हजारे ने इसके बाद समर्थकों से आग्रह किया वे जश्न जरूर मनाएं लेकिन ध्यान रखें कि इससे शांति भंग न हो और किसी को परेशानी न हो।

उधर, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मुख्य मांगों पर संसद के दोनों सदनों में आम सहमति बनने और इसे ‘सदन की इच्छा’ के रूप में स्वीकार किए जाने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को मुस्कराते हुए कहा कि “संसद ने कहा है कि यह लोगों की इच्छा है।” प्रधानमंत्री ने यह बात लोकसभा और राज्यसभा में प्रभावी लोकपाल के मुद्दे पर आठ घंटे से अधिक समय तक बहस चलने के बाद कही।

इससे पहले लोकपाल के गठन से सम्बंधित अन्ना हजारे के मुद्दों पर केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कराने पर सरकार तैयार हो गई।

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