गाजियाबाद ।। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की प्रमुख सहयोगी किरण बेदी ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके आंदोलन को निष्प्रभावी करने की कोशिश कर रही है।

बेदी ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है, जब अन्ना पक्ष की कोर समिति की शनिवार को ही बैठक हो रही है। यह अलग बात है कि बैठक में एन. संतोष हेगड़े, मेधा पाटकर और खुद अन्ना हजारे हिस्सा नहीं ले रहे हैं।

बेदी ने बैठक में जाने से पहले संवाददाताओं से कहा, “सरकार अन्ना पक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को निष्प्रभावी करने की कोशिश कर रही है। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे और सरकार की सारी कोशिश बेकार साबित होगी।”

कोर समिति के प्रमुख सदस्य कुमार विश्वास ने एक नई समिति गठित करने की शुक्रवार को मांग की थी। विश्वास भी बैठक में अनुपस्थित हैं। मेधा पाटकर ने बैठक में अपना एक प्रतिनिधि भेजा है।

आईएसी के एक प्रवक्ता के अनुसार बैठक में आंदोलन के खिलाफ चल रहे कुप्रचार पर चर्चा होने की सम्भावना है।

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्यों, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं, और एक अन्य प्रमुख सदस्य प्रशांत भूषण पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने कश्मीर पर उनके विवादास्पद बयान को लेकर हमला किया था।

राजनीतिक गलियारों में इस बैठक को उत्सुकता के साथ देखा जा रहा है। यह बैठक केजरीवाल की संस्था पब्लिक काज रिसर्च फाउंडेशन के गाजियाबाद स्थित कार्यालय में 11 बजे शुरू हुई है।

कोर समिति के जो सदस्य बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, उनमें विंसेंट एम. कांसेसाओ, प्रशांत भूषण, शांति भूषण, अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, मनीष सिसोदिया, अखिल गोगोई, संजय सिंह, नवीन जैहिंद, चंद्रमोहन, पृथ्वी रेड्डी, मयंक गांधी और देवेंद्र शर्मा शामिल हैं।

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