नई दिल्ली ।। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन की रणनीति तय करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को घोषणा की कि यदि संसद के मौजूदा सत्र में एक प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो एक जनवरी से ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू किया जाएगा।

जेल भरो आंदोलन से पहले 27 दिसम्बर से अन्ना मुम्बई में अनशन करेंगे।

अन्ना हजारे ने अपने टीम के सदस्यों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यदि लोकपाल विधेयक पारित करने में समय एक मुद्दा है, तो 22 दिसम्बर को समाप्त हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि को बढ़ा देना चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता ने पत्रकारों से कहा, “इस आंदोलन से जुड़े सभी लोग जो जन लोकपाल विधेयक के समर्थक हैं, जेल भरो आंदोलन में शरीक होंगे। देश की सभी जेले हमसे भर जाएंगी।”

उन्होंने कहा कि 27 दिसम्बर से मुम्बई में अनशन शुरू होगा। इसके अलावा सांसदों के घरों के बाहर विरोध-प्रदर्शन किए जाएंगे।

अन्ना हजारे ने कहा कि यदि सरकार द्वारा पेश लोकपाल विधेयक प्रभावी हुआ तो रामलीला मैदान में एक ‘स्वागत’ समारोह का आयोजन किया जाएगा।

अन्ना हजारे ने अपनी टीम द्वारा तैयार लोकपाल विधेयक के मसौदे के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह अन्ना हजारे का प्रश्न नहीं है, यह एक राष्ट्रीय सवाल है..यह गरीबों से जुड़ा सवाल है।”

उन्होंने कहा कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाया जाना है।

अन्ना हजारे ने कहा, “इसे अन्य रूप में हम स्वीकार नहीं करेंगे।” उन्होंने कहा कि वह तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने पर जोर देते रहेंगे, चाहे इसके लिए उनका जीवन खतरे में क्यों न पड़े।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक संसद में आठ बार पेश हो चुका है लेकिन अब तक पारित नहीं हुआ है।

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