नई दिल्ली ।। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को कहा कि यदि लोकपाल विधेयक को पारित करने के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है तो संसद के शीतकालीन अधिवेशन की अवधि बढ़ानी चाहिए।

हजारे ने अपने प्रमुख सदस्यों के साथ कोर समिति की दूसरे दिन की बैठक में हिस्सा लेने से पहले कहा, “यदि जरूरत है तो अधिवेशन की अवधि बढ़ानी चाहिए क्योंकि लोकपाल विधेयक देश के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे कई मौके आए हैं जब सत्र की अवधि बढ़ाई गई है।”

संसद का शीतकालीन अधिवेशन 22 दिसम्बर को सम्पन्न हो रहा है।

अन्ना ने कहा, “सरकार में हरकोई हमें आश्वासन दे रहा है कि हमें लोकपाल विधेयक मिल जाएगा। मुझे संसद पर भरोसा है। उम्मीद है कि लोकपाल विधेयक इसी शीतकालीन सत्र में पारित हो जाएगा।”

अन्ना के सहयोगियों की कोर समिति सशक्त लोकपाल के लिए अपने संघर्ष की भावी रणनीति तैयार करने के लिए बैठक कर रही है।

अन्ना ने संवाददाताओं को बताया, “यदि यह इस सत्र में पारित न हुआ, तो हम दोबारा विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह दिल्ली में भी हो सकता है और मुम्बई में भी। यह मौसम पर निर्भर करेगा।”

इस बीच सरकार द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने की कोशिश किए जाने की आलोचना करते हुए अन्ना की प्रमुख सहयोगी किरण बेदी ने कहा कि जांच एजेंसी भ्रष्टाचार का कब्रिस्तान है और सत्तारूढ़ दल इसे बचाने की कोशिश कर रहा है।

बेदी ने संवाददाताओं से कहा, “सीबीआई भ्रष्टाचार का कब्रिस्तान है। इसलिए इसे जहां तक सम्भव हो सके बचाने की हताश कोशिश की जा रही है।”

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