नई दिल्ली, Hindi7.com ।। मजबूत लोकपाल बिल की मांग को पूरा करवाने के लिए अन्ना के बढ़ते कदम को रोकने के मकसद से केंद्र की यूपीए और दिल्ली की शीला सरकार ने अड़ंगा लगाना शुरू कर दिया है। ध्यान रहे कि अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने में सिर्फ चार दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अनशन की जगह को लेकर अन्ना की टीम की मुश्किलें बरकरार हैं।

दिल्ली पुलिस ने अन्ना को दिल्ली के आईटीओ के पास जयप्रकाश नारायण पार्क में अनशन करने का सुझाव दिया, जिसे अन्ना टीम ने मान लिया था। यह पार्क सीपीडब्ल्यूडी का है, लिहाजा अन्ना के सहयोगियों को उससे इजाजत लेनी होगी।

गुरुवार को पूरे दिन भागदौड़ के बाद भी अन्ना को जेपी पार्क में अनशन करने की इजाजत नहीं मिल पाई। जे.पी. पार्क दिल्ली के आईटीओ के पास बहादुर शाह जफर मार्ग पर है।

अन्ना की टीम मंजूरी के लिए एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भटक रही है। अन्ना के सहयोगी सुबह सबसे पहले सीपीडब्लूडी के दफ्तर पहुंचे, जहां उन्हें कहा गया कि आप डायरेक्ट्रेट ऑफ एस्टेट के ऑफिस जाइए।

अन्ना के एक सहयोगी ने कहा कि “गुरुवार सुबह ही हमने सीपीडब्ल्यूडी के डायरेक्टर जनरल से मिलकर उन्हें ऐप्लिकेशन दिया, लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि इसकी इजाजत उनके लेवल से नहीं मिल सकती है।”

डायरेक्टर जनरल की सलाह के मुताबिक, अन्ना के सहयोगी शहरी विकास मंत्री कमलनाथ के पर्सनल सेक्रेटरी से मिले, तब उन्हें उद्यान निदेशालय के दफ्तर से अनुमति लेने को कहा गया। वे उद्यान निदेशालय पहुंचे, लेकिन अनशन की इजाजत नहीं मिली पाई।

ध्यान रहे

गौरतलब है कि 16 अगस्त में बचा है 100 घंटे से भी कम का वक्त, लेकिन अभी तक अन्ना को सीपीडब्ल्यूडी से अनशन की जगह के लिए इजाजत नहीं मिली है। जंतर-मंतर पर अन्ना के अनशन से घबराई दिल्ली पुलिस ने उन्हें आईटीओ के पास जय प्रकाश नारायण पार्क की जगह सुझाई थी, लेकिन गुरुवार को पूरे दिन भागदौड़ के बाद भी अन्ना की टीम को जेपी पार्क में अनशन करने की इजाजत नहीं मिल पाई।

घबराई सरकार अपना रही है तरह-तरह के हथकंडे

अन्ना की टीम को अनशन की इजाजत नहीं मिलने से सरकार के रवैये पर सवाल उठने लगे हैं। क्या अन्ना के आंदोलन से घबराई सरकार का यह कोई नया पैंतरा तो नहीं है, अन्ना के अनशन को रोकने का ? क्या सरकार लोगों को अनशन की जगह के बारे में कनफ्यूज रखना चाहती है, ताकि अन्ना को जनता का भारी समर्थन न मिल सके ? कहीं सरकार यह तो नहीं सोच रही कि दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद अन्ना के अनशन की योजना को आगे के लिए टाल दिया जाएगा ?

टीम अन्ना को है बेसब्री से इंतजार

उधर, टीम अन्ना को जे.पी. पार्क में अनशन करने की इजाजत मिलने की बेसब्री से इंतजार है। यह इजाजत शहरी विकास मंत्रालय से मिलनी है। यह इजाजत आज शुक्रवार को ही मिलनी आवश्यक है, क्योंकि शनिवार, रविवार और सोमवार को सरकारी अवकाश है और अन्ना का अनशन मंगलवार से शुरू होना है।

स्वास्थ्य के लिए भर्ती

अन्ना हजारे को 16 अगस्त से प्रस्तावित अपने अनशन से पहले गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके साथी कार्यकर्ताओं ने बताया कि “अन्ना का अस्पताल में भर्ती होने का कारण नियमित स्वास्थ्य जांच है।”

बताया जाता है कि हजारे को रक्तचाप संबंधी कुछ समस्या है, लेकिन उनके साथी कार्यकर्ता इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। इसी कारण उन्हें गुरुवार रात गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

क्या कहा अन्ना के सहयोगी ने ?

हजारे के करीबी मनीष सिसोदिया ने बताया कि “हजारे को अस्पताल लाया गया है, लेकिन उन्हें सेहत से जुड़ी कोई समस्या नहीं है। वह 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन करने वाले हैं, लिहाजा इससे पहले उनके रक्तचाप आदि से संबंधित नियमित जांच की जा रही है। अन्ना बिल्कुल स्वस्थ हैं।”

अमेठी में लोकपाल बिल का समर्थन

उधर, हजारे के आंदोलन इंडिया अगेस्ट करप्शन की ओर से गुरुवार शाम लखनऊ में जारी आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी की 90 फीसदी जनता मजबूत जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में है। सशक्त लोकपाल को लेकर अमेठी में दो लाख लोगों के बीच सर्वेक्षण किया गया था।

सरकार ने अन्ना पर फेंका बातचीत का जाल

सरकार एक बार फिर अन्ना हजारे के सामने बातचीत का जाल फेंकने की तैयारी में लगती है। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि “सरकार लोकपाल बिल पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन फैसला सिविल सोसायटी और अन्ना हजारे को करना है।”

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को चिदंबरम ने कहा कि “लोकपाल बिल से जुड़े तमाम पहलुओं पर बातचीत करने के लिए सरकार हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि फैसला सिविल सोसायटी के नेता अन्ना हजारे को करना है।”

जब चिदंबरम से पूछा गया कि क्या अन्ना हजारे को 16 अगस्त से अनशन करने की इजाजत दी जाएगी, तो उन्होंने कहा कि “इस बारे में फैसला पुलिस करेगी।”

कहीं यूपीए और बीजेपी में कोई गुप्त समझौता तो नहीं !

केंद्रीय गृहमंत्री चिदंबरम ने इस बात को गलत बताया कि संसद के संचालन को लेकर यूपीए और बीजेपी में कोई समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि “बीजेपी से कोई समझौता नहीं हुआ है।”

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