नई दिल्ली ।। तिहाड़ जेल में बंद पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम ने उन्हें दोषी ठहराने और पांच वर्षो की कठोर कारावास की सजा सुनाने वाली एक निचली अदालत के फैसले को बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रहे सुखराम को स्थानीय अदालत ने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। भ्रष्टाचार के आरोपों में सुखराम तीसरी बार दोषी करार दिए गए हैं।

पूर्व मंत्री अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर राहत पाने की उम्मीद से न्यायालय पहुंचे। एक वकील के मुताबिक सुखराम ने कहा कि निचली अदालत के फैसले को खारिज कर देना चाहिए।

ज्ञात हो कि गत 19 नवंबर को निचली अदालत ने सुखराम (86) को वर्ष 1996 में एक दूरसंचार कम्पनी से तीन लाख रुपये की रिश्वत लेने पर दोषी करार दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश आर.पी. पांडे ने उन्हें पांच वर्षो के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने उन पर चार लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

एक वकील ने कहा, “सुखराम को दोषी ठहराए जाने और सजा देने के खिलाफ उनकी ओर से उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।”

सुखराम को इसके पहले वर्ष 2002 और 2009 में भ्रष्टाचार के दो अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है।

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