नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने देश में परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर आशंकित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से इस बारे में पहले प्रधानमंत्री या परमाणु ऊर्जा विभाग से मिलने की सलाह दी है।

न्यायालय विभिन्न एनजीओ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। एनजीओ ने संयंत्रों की लागत पर भी सवाल उठाए थे। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. एच. कपाड़िया और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण से ये बातें कही।

इससे पहले भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय से अमेरिका के साथ हुए परमाणु समझौते के तहत स्थापित होने वाले परमाणु संयंत्रों पर तब तक रोक लगाने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था जब तक इनकी सुरक्षा एवं लागत का आकलन नहीं हो जाता।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कपाड़िया ने हालांकि यह भी कहा कि यदि याचिकाकर्ताओं को किसी परमाणु बिजली संयंत्र को लेकर कोई संशय है तो वे सम्बद्ध राज्य के उच्च न्यायालय से सम्पर्क कर सकते हैं, जहां उनका निर्माण हो रहा हो।

भूषण के यह कहने पर कि परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ए. गोपालकृष्णन प्रधानमंत्री को कई पत्र लिख चुके हैं, न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

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