रायपुर ।। नक्सलियों को धन देने के आरोप में एस्सार समूह के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में बताते हुए कहा कि इस सम्बंध में कुछ और अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी।

दांतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अंकित गर्ग ने आईएएनएस से फोन पर कहा, “दांतेवाड़ा में एस्सार समूह के महाप्रबंधक सहित कुछ अधिकारियों से पूछताछ की गई है और बाहर रहने वाले कुछ और अधिकारियों को नोटिस भेजी गई है।”

नक्सलियों को धन देने के इस मामले का पता एस्सार के लिए काम करने वाले एक ठेकेदार बी.के. लाला से चला।

एस्सार समूह ने हालांकि नक्सलियों को धन देने से इंकार किया है।

लाला को नौ सितम्बर को दांतेवाड़ा के पलनार गांव में साप्ताहिक बाजार से हिरासत में लिया था। उस पर आरोप था कि उसने पत्रकार सह कार्यकता लिंगाराम कोदोपी को 15 लाख रुपये दिए थे। लिंगाराम को भी हिरासत में ले लिया गया है।

पुलिस का दावा है कि कोदोपी नक्सलियों के लिए धन वसूली करता था। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि जनजातीय व्यक्ति को गलत तरीके से फंसाया गया है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसे एस्सार समूह से सम्बंधित कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं।

अधिकारी ने कहा कि एस्सार समूह ने दांतेवाड़ा के किरंदुल से आंध्र प्रदेश के बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम तक लौह अयस्क ले जाने वाली स्लरी पाइपलाइन की सुरक्षा के लिए यह राशि नक्सलियों को दी है, जिसने कई स्थानों पर पाइपलाइन को विस्फोट से उड़ा दिया है।

यह पूछे जाने पर कि एस्सार के अधिकारियों से क्या पता चला, अधिकारी ने कहा कि फिलहाल वे कह रहे हैं कि उन्हें कुछ पता नहीं है। अधिकारी ने हालांकि कहा कि जांच सही दिशा में चल रही है और एस्सार बच नहीं सकती।

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