लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए उसे भ्रामक एवं निराधार बताया है। जयराम रमेश ने 15 नवम्बर को लिखे पत्र में प्रदेश में मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए कहा था कि मायावती सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है।

मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब देते हुए कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, “मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को मनरेगा में जहां भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, उस पर कठोर कार्रवाई की गई है।”

उन्होंने कहा, “मनरेगा में भ्रष्टाचार के 117 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई और 56 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। इसके अलावा चार सरपंचों सहित 12 लोगों को जेल भेजा गया है।” 

उन्होंने कहा कि मनरेगा का क्रियान्वयन पंचायत स्तर पर होता है और इसमें राज्य सरकार के अधिकारियों की भूमिका नहीं होती। इसलिए रमेश के आरोप बेबुनियाद और भ्रामक हैं।

मायावती ने प्रश्न किया, “केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश के मनरेगा में भ्रष्टाचार क्यों दिखता है, क्या दूसरे राज्यों के मनरेगा में भ्रष्टाचार नहीं है?”

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