शिमला ।। हिमाचल प्रदेश में पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त हुए मिग-29 लड़ाकू विमान के पायलट की मौत हो गई है। विमान के मलबे और पायलट के शव के अवशेष मिले हैं, जिससे उनकी मौत की पुष्टि हुई है।

वायुसेना ने रविवार को बताया कि करीब 15 दिन बाद विमान का मलबा और पायलट के शव के अवशेष बरामद हुए हैं। मिग-29 हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में 18 अक्टूबर को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

पश्चिम वायुसेना कमान के प्रवक्ता विंग कमांडर एस. के. मेहता ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “स्क्वाड्रन लीडर डी. एस. तोमर के शव के कुछ हिस्से शनिवार को लाहौल एवं स्पीति जिले के चोखांग हिल्स क्षेत्र में गंग्सतांग ग्लेशियर के पास से मिले हैं। तोमर के परिजनों को उनकी मौत के बारे में सूचित कर दिया गया है।”

मेहता के अनुसार, “विमान के इंजन के कुछ और टुकड़े, पंखे एवं कॉकपिट भी बरामद किए गए हैं, लेकिन इनका आकार बहुत छोटा है। डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) की तलाश जारी है। इसके बाद ही दुर्घटना के वास्तविक कारण के बारे में कुछ कहा जा सकता है।”

मिग-29 रात्रिकालीन अभियान पर था। इसने पंजाब में आदमपुर से जालंधर के लिए उड़ान भरा था, लेकिन समुद्र से 15,000-20,000 फीट ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

वायुसेना के एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, दुर्घटना पायलट के रास्ता भटक जाने की वजह से हुई होगी। यह समस्या पायलटों के साथ रात में अक्सर पेश आती है। लेकिन दुर्घटना के वास्तविक कारण का पता ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद ही चल पाएगा।

लापता विमान के शेष हिस्सों को तलाशने के लिए पर्वतारोहियों को लगाया गया है। मेहता के अनुसार, “हम खराब मौसम, सीधी ढलान, संकरी घाटी की समस्या से जूझ रहे हैं। इन सबके कारण मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन हमें किसी भी कीमत पर अभियान पूरा करना है।”

वायुसेना को लापता विमान के टुकड़ों के बारे में जानकारी सबसे पहले थिरोट के ग्रामीणें से मिली। ग्रामीणों ने ही पहली बार चोखांग में विमान के कुछ जले हुए अवशेष देखे थे, जिसके बाद वे उसे प्रशासन के पास ले गए और प्रशासन ने वायुसेना को सूचना दी।

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