नई दिल्ली ।। मुल्लापेरियार बांध पर गहराते विवाद के बीच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की सोमवार को यहां बैठक हुई। उधर, केरल के दो मंत्री इस मुद्दे को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं। एक दिल्ली में तो दूसरे केरल में उपवास कर रहे हैं।

केरल के जल संसाधन मंत्री पी. जे. जोसेफ मुल्लापेरियार पर तमिलनाडु के रुख में परिवर्तन और इस अंतर्राज्यीय विवाद के समाधान के लिए दिल्ली के गांधी स्मृति में भूख हड़ताल कर रहे हैं। वहीं, राज्य के राजस्व मंत्री के. एम. मणि नए बांध के निर्माण की मांग को लेकर इदुक्की में भूख हड़ताल कर रहे हैं।

इस बीच, दिल्ली में मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के नेता वाइको ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर ‘उकसाई भीड़’ से मुल्लापेरियार बांध की रक्षा के लिए वहां केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की।

सूत्रों के अनुसार, बांध पर विवाद के समाधान के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. एस. आनंद की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति ने आर. के. पुरम स्थित केंद्रीय जल आयोग के कार्यालय में बैठक शुरू कर दी है।

बैठक मुल्लापेरियार बांध में हाल के दिनों में आई दरार तथा क्षेत्र में भूकम्प के झटकों के मद्देनजर केरल में नए प्रदर्शन तथा भय के वातावरण के बीच हुई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि बांध को नुकसान पहुंचा तो केरल के चार जिलों में रहने वाले 35 लाख लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

वहीं, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने केरल पर इसे लेकर डर फैलाने तथा स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पर पेश करने वाला बताया।

समिति में न्यायमूर्ति आनंद के अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय के दो पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. टी. थॉमस और न्यायमूर्ति ए. आर. लक्ष्मण हैं। न्यायमूर्ति थॉमस समिति में केरल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि न्यायमूर्ति लक्ष्मण केरल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। समिति में केंद्र सरकार के दो सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं। समिति बांध की ऊंचाई 120 फीट करने की केरल की मांग पर विचार करेगी।

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