नई दिल्ली/तिरूवनंतपुरम ।। मुल्लापेरियार बांध पर केरल और तमिलनाडु के बीच का विवाद बुधवार को भी राज्यसभा में छाया रहा। दोनों राज्यों के सांसदों ने शून्यकाल में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया।

जबकि केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि मुल्लापेरियार बांध के स्थान पर एक नया बांध बनाने की मांग को लेकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वह मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे। राज्यसभा में हंगामे के दौरान तमिलनाडु के सांसदों ने बांध को सुरक्षित बताया, वहीं केरल के सांसदों ने नया बांध बनाने की मांग की।

इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद डी. राजा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मामले में तुरंत हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा कि तमिलनाडु तथा केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर मामले का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।

तमिलनाडु से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सांसद वी. मैत्रेयन ने इस मुद्दे को शून्यकाल के दौरान उठाया और कहा कि केरल स्थित बांध को भीड़ द्वारा क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। इसे रोका जाना चाहिए। इस पर केरल के सांसदों ने आपत्ति जताई और हंगामा करने लगे। भारी शोर-शराबे को देखते हुए उप सभापति के. रहमान खान ने दोनों राज्यों के सांसदों को सदन में शांति बनाए रखने के लिए चेतावनी भी दी।

मैत्रेयन ने कहा कि 116 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध के स्थान पर नया बांध बनाने की केरल सरकार की मांग सर्वोच्च न्यायालय के वर्ष 2006 के आदेश के उल्लंघन के समान है, जिसमें बांध को सुरक्षित बताया गया था। यहां तक कि केरल के महाधिवक्ता ने भी हाल ही में स्वीकार किया था कि आपातकालीन परिस्थितियों में राज्य के इदुक्की व चेरुथोनी बांधों में मुल्लापेरियार बांध के पानी को संचित रखने की क्षमता है।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता तिरुचि सिवा ने मैत्रेयन के इस दावे का समर्थन किया कि बांध सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आकलन वैज्ञानिक अध्ययनों व विशेषज्ञों की राय पर आधारित है।

केरल से कांग्रेस के सांसद पी. जे. कुरियन ने कहा कि केरल सरकार इसलिए नए बांध की मांग कर रही है, क्योंकि मुल्लापेरियार बांध को खतरे की स्थिति में 30 लाख लोगों की जिंदगी प्रभावित हो सकती है।

तिरूवनंतपुरम में चांडी ने साप्ताहिक कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैं सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा, जिसमें विपक्ष के नेता वी.एस. अच्युतानंदन और अन्य दलों के वरिष्ठ नेता रहेंगे। हम प्रधानमंत्री से समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “हमें बताया गया है कि दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक 15 या 16 दिसम्बर को होगी। हमारी सिर्फ एक मांग है और वह है तमिलनाडु के लिए पानी और केरल के लिए सुरक्षा। इसके लिए हम किसी से कोई भी समझौता करने को तैयार हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाधिवक्ता के.पी. दंडपाणि कैबिनेट के समक्ष उपस्थित हुए और अपना रुख स्पष्ट किया।

चांडी ने कहा, “जैसा कि मीडिया में बताया गया कि महाधिवक्ता ने केरल उच्च न्यायालय में कहा कि बांध की सुरक्षा और जल स्तर के बीच कोई सम्बंध नहीं है, इससे महाधिवक्ता ने इंकार किया। महाधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने फैसला किया कि यह मुद्दा अब समाप्त हो गया है और हमने एक चार सदस्यीय मंत्रियों की एक समिति बनाई है और इस महीने की 15 तारीख को जब यह मामला केरल उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए आएगा तो एक नया हलफनामा दायर किया जाएगा।”

इस बीच, अच्युतानंदन ने इडुकी जिले में दो स्थानों पर अपने एक दिन के अनशन को समाप्त कर दिया।

उल्लेखनीय है कि विपक्ष गुरुवार को बांध के स्थान से कोच्चि के अरब सागर तक एक मानव श्रृंखला बनाएगा। विपक्ष यह मांग करेगा कि एक नया बांध ही विकल्प है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रमेश चेन्निथला इस मुद्दे पर गुरुवार को मारटीर कॉलम पर एक दिन का उपवास करेंगे।

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