मुम्बई ।। बम्बई उच्च न्यायालय ने मुम्बई में 2003 में हुए दोहरे बम विस्फोट के तीन दोषियों के मृत्युदंड को मंजूरी देने सम्बंधी अपना फैसला सोमवार को टाल दिया। इस दोहरे विस्फोट में 52 व्यक्ति मारे गए थे और 244 घायल हो गए थे।

निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए एक आरोपी के वकील, एस.कुंजूरमन ने आईएएनएस से कहा, “अंतिम फैसला अब या तो क्रिसमस की छुट्टी से पहले आएगा या जनवरी 2012 के प्रथम सप्ताह में।”

वकील ने कहा कि न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति पी.डी. कोडे की खण्डपीठ, मोहम्मद हनीफ सईद (46), उसकी पत्नी फहमिदा (43) और उसके साथी अशरफ शफीक अंसारी (35) को सुनाए गए मृत्युदंड को मंजूरी देने सम्बंधी मामले पर सुनवाई कर रहा थी। तीनों को 2003 में हुए दोहरे विस्फोटों में लिप्त होने का दोषी पाया गया था। दोनों विस्फोटों में 52 व्यक्ति मारे गए थे और 244 घायल हो गए थे।

आतंकवाद निवारक अधिनियम (पोटा) से सम्बंधित मामलों की एक विशेष अदालत ने जनवरी 2009 में तीनों को मृत्युदंड सुनाई थी। 

25 अगस्त, 2003 को गेटवे ऑफ इंडिया, और झवेरी बाजार में हुए दो विस्फोटों में कुल 52 लोग मारे गए थे। गेटवे ऑफ इंडिया मुम्बई का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है तो झवेरी बाजार सोने-चांदी के गहनों का केंद्रीय बाजार है।

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