नई दिल्ली ।। राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आतंकवाद देश के लिए सबसे बड़ी समस्या और खतरा बन चुका है।आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए अब जांच एजेंसियों को और सशक्त बनाने की जरूरत है।


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने में कुछ पड़ोसी देशों ने हमारी खूब मदद की है। आतंकवाद और वामपंथी चरमपंथ हमारे समाज के लिए दो बड़ी चुनौतियां है, जिससे हमें हर हाल में निपटना होगा।


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जांच एजेंसियां किसी भी तरह के पक्षपात से दूर रहें।


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि देश को विघटनकारी शक्तियों से लड़ने और युवकों में कट्टरता की भावना पनपने से रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए खुफिया जानकारी जुटाने की प्रक्रिया को चुस्त किए जाने की जरूरत है।


राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) की 15वीं बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “दिल्ली विस्फोट से यह स्पष्ट होता है कि खुफिया में जरा भी असावधानी नहीं की जा सकती। सुरक्षा तंत्रों की आंतरिक समीक्षा की गई है। हमें विघटनकारी ताकतों व युवकों में कट्टरता को रोकने की आवश्यकता है।”


सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर बुधवार को हुए बम विस्फोट का जिक्र करते हुए कहा, “कोई भी सभ्य समाज अपने प्रियजनों की मौत बर्दाश्त नहीं कर सकता।” इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी।


एनआईसी की बैठक में साम्प्रदायिक सौहाद्र्र को बढ़ावा देने, खासतौर से अल्पसंख्यकों व जनजातियों के प्रति भेदभाव समाप्त करने और नागरिक अशांतियों से निपटने के तरीकों पर चर्चा होगी। एनआईसी की पिछली बैठक यहां 13 अक्टूबर, 2008 को हुई थी।

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