नई दिल्ली ।। देश के विभिन्न क्षेत्रों में, खासकर जनजातीय इलाकों में सार्वजनिक व्यवस्था एवं प्रशासन के समक्ष चुनौतियां पैदा कर रहे नक्सलवाद को विकास के जरिये ही जवाब दिया जा सकता है। यह बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को महिला कांग्रेस की ओर से जनजातीय सशक्तीरण पर आयोजित सम्मेलन में कही।
सोनिया ने कहा, “यदि हम विकास कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करते हैं तो हम उन्हें देश की मुख्य धारा में लाने में सक्षम होंगे। केंद्र तथा राज्य सरकारों का कर्तव्य बनता है कि वे विकास योजनाओं का क्रियान्वयन करें।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार एक नया कानून बनाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत यदि जनजातीय समुदाय के लोगों से उनकी भूमि खनन कार्यो के लिए ली जाती है तो उन्हें आर्थिक लाभांश दिया जाएगा।
सोनिया ने कहा कि केंद्र में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस की विभिन्न सरकारों ने कई ऐसे कानून बनाए और उनका क्रियान्वयन किया, जिससे जनजातीयों की स्थिति मजबूत हुई और उन्हें प्रगति में मदद मिली।
सोनिया के मुताबिक, “इंदिरा जी (पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी) आज भी देश के जनजातीयों परिवारों में स्नेहपूर्वक याद की जाती हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि राजीव गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री व उनके दिवंगत पति) ने जनजातीय महिलाओं का पंचायत में प्रमुख पदों तक पहुंचना सुनिश्चित किया।
देश में जनतीय समुदाय के लोगों की आबादी करीब आठ करोड़ 50 लाख है, जिनकी आजीविका का मुख्य साधन उनकी जमीन व जंगल ही हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षो में बांध, फैक्ट्री जैसी आधारभूत परियोजनाओं के वन क्षेत्रों में विस्तार के कारण बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी विस्थापित हुई है और उनसे उनकी जमीन छिनी है।