वाशिंगटन ।। अमेरिका में भारतीय राजदूत निरुपमा राव के अनुसार, वैश्विक दुनिया में भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ साझेदारी वैश्विक सर्वसम्मति और सहयोग हासिल करने के लिए बहुत मूल्यवान साबित होगी।
राव ने ‘बदलती दुनिया में भारत की भूमिका’ विषय पर अमेरिकन युनिवर्सिटी में बुधवार को दिए अपने सम्बोधन में कहा कि भारत और अमेरिका आज अधिकांश प्रमुख वैश्विक मुद्दों, साथ ही तीसरे देशों में क्षमता निर्माण पर आपस में आदान-प्रदान और सहयोग कर रहे हैं।
राव ने कहा, “एशिया केंद्रित इस सदी में भारत एक ऐसी भूमिका लगातार निभाता रहेगा जो उसके आकार, उसकी बढ़ती आर्थिक क्षमता, लोकतांत्रिक नीति के दायरे में उसकी अपार विविधिता के प्रबंधन की क्षमता, वैश्विक शांति एवं सुरक्षा में उसके योगदान और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में बड़ी आवाज की उसकी न्यायोचित खोज (जो कि संतुलित, न्यायसंगत, और नई वैश्विक वास्तविकताओं का प्रतिनिधि हो) के अनुरूप हो।”
राव ने कहा कि ओबामा ने भारत-अमेरिका की साझेदारी को “21वीं सदी की एक निर्णायक साझेदारी बताया था।”
राव ने कहा, “अमेरिका के साथ हमारे द्विपक्षीय आदान-प्रदान में उल्लेखनीय रूपांतरण हुआ है और यह वैश्विक आयामों की एक रणनीतिक साझेदारी में परिपक्व हो गया है।”
राव ने कहा, “बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी हमारे रणनीतिक एवं आर्थिक हितों पर, हमारे लोगों व व्यापार के बीच जीवंत सम्बंधों पर, और हमारे साझा मूल्यों पर आधारित है, क्योंकि दोनों दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं।”
राव ने कहा कि 2009 में भारतीय प्रधानमंत्री का अमेरिका दौरा और पिछले वर्ष नवम्बर में राष्ट्रपति बराक ओबामा का भारत दौरा, दोनों देशों के रिश्तों के विकास में मील का पत्थर थे।
राव ने कहा, “आज हम न केवल रणनीतिक सहयोग, आतंकवाद से मुकाबला, रक्षा, उच्च प्रौद्योगिकी, असैन्य परमाणु एवं अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा कर रहे हैं, बल्कि विकास सम्बंधी अनेक मुद्दों पर भी चर्चा कर रहे हैं, जो प्रत्यक्ष एवं सकारात्मक रूप में हमारे नागरिकों के जीवन को प्रभावित करते हैं, जिसमें शिक्षा में सहयोग, स्वास्थ्य, कृषि, मौसम अनुमान, उन्नयन शामिल हैं।”