नई दिल्ली ।। पूर्व महानिदेशक (आडिट) आर.पी. सिंह की गवाही को लेकर कांग्रेस और विपक्ष के बीच मतभेद पैदा होने के बाद संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक सोमवार को स्थगित करनी पड़ी। समिति 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए घोटाले की जांच कर रही है।
सूत्रों ने यहां कहा कि विपक्षी सांसद, आर.पी. सिंह से यह पूछना चाहते थे कि स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए नुकसान का जो आकलन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने किया है, उनकी राय उससे अलग क्यों है। लेकिन कांग्रेसी सांसदों ने सिंह को गवाही के लिए बुलाए जाने का विरोध किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि सिंह को बुलाकर यह पता किया जाए कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में सरकारी खजाने को 6,000 करोड़ रुपये का ही नुकसान उन्होंने क्यों आका है, जबकि सीएजी ने 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है।
सूत्रों ने कहा कि चूंकि मतभेद लगातार बना रहा, लिहाजा पीएसी अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मुरली मनोहर जोशी ने बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी। पीएसी की बैठक मंगलवार को भी होने वाली थी, लेकिन छठ पर्व के नाते मंगलवार को भी बैठक न करने का निर्णय लिया गया।
आर.पी. सिंह पीएसी के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए आए हुए थे, लेकिन उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया और वह बैठक कक्ष के बाहर ही इंतजार करते रहे।
भाजपा सांसद प्रकाश जावड़ेकर सिर्फ आर.पी. सिंह को ही नहीं, बल्कि केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल जैसे अन्य लोगों को भी समिति के समक्ष बुलाना चाहते थे। कपिल सिब्बल ने कहा था कि 2जी आवंटन में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सांसद थम्बीदुरई ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक को भी समिति के समक्ष बुलाया जाना चाहिए, क्योंकि सीबीआई ने नुकसान का एक अलग आकड़ा पेश किया है।
कांग्रेसी सांसदों ने कहा कि जब सीएजी और उनकी पूरी टीम पीएसी के समक्ष पेश हो चुकी है, तो ऐसे में आर.पी. सिंह को विचार प्रस्तुत करने के लिए नहीं बुलाया जा सकता।