नई दिल्ली ।। विपक्ष के महंगाई पर मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने पर अडिग रहने से संसद की कार्यवाही जहां बुधवार को दूसरे दिन बाधित रही, वहीं सरकार समाजवादी पार्टी (सपा) तक पहुंच बनाते हुए गतिरोध दूर करने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को लोकसभा में कालेधन के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

सूत्रों ने बताया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के संकटमोचक केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मत विभाजन की मांग न करने वाले नियम के तहत महंगाई पर चर्चा कराने में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का सहयोग मांगा है।

ज्ञात हो कि संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है सपा लोकसभा की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, इसके 22 सदस्य हैं और वह चर्चा के साथ मत विभाजन की विपक्ष की मांग पर सरकार की मदद कर सकती है।

वहीं, सरकार ने मत विभाजन के साथ महंगाई पर चर्चा कराने की मांग पर आरोप लगाया है कि विपक्ष सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी मध्यावधि चुनाव का सामना नहीं कर सकती जबकि सरकार भी महंगाई के मुद्दे को नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुखर्जी और संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल सहित कांग्रेस के नेता गतिरोध तोड़ने के लिए चर्चा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता विपक्षी पार्टियों से भी सम्पर्क साधने में जुटे हैं।

सूत्रों ने बताया कि मुखर्जी मंगलवार को इसी मुद्दे पर वाम दलों से मिले थे।

संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “सदन की कार्यवाही बाधा रहित चले यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा कर रही है।”

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