नई दिल्ली ।। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर गुरुवार को हुए हमले के बाद राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को अनोखी एकता का प्रदर्शन किया। सभी ने एक स्वर में बोलते हुए इस हमले की निंदा की। इसके साथ ही सभी दलों ने देश में गैर लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ लड़ने का संकल्प भी लिया।

वैचारिक और दलगत मतभेदों से ऊपर उठकर सांसदों ने हरविंदर सिंह को दंडित करने की मांग की। हरविंदर ने खाद्य महंगाई और भ्रष्टाचार के विरोधस्वरूप गुरुवार को पवार के गाल पर थप्पड़ मारा था।

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस कृत्य की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। इसके पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने असहमति जाहिर करने के लिए हिंसक और गैरलोकतांत्रिक तरीकों को अपनाने को लेकर स्पष्ट अस्वीकृति व्यक्त की।

इसके पहले सुबह जब लोकसभा की बैठक शुरू हुई तो कई सदस्यों ने पवार की सीट के पास जाकर उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त की।

प्रस्ताव पेश करते हुए मुखर्जी ने कहा कि लोगों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं, “लेकिन किसी भी लोकतांत्रिक देश में हिंसा स्वीकार नहीं की जा सकती।” 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने इससे सहमति जताते हुए कहा, “हम इसकी निंदा करते हैं। नीतियों को लेकर सरकार के साथ हमारे मतभेद हैं लेकिन मतभेद जाहिर करने का एक तरीका है। हिंसा कोई तरीका नहीं है।”

स्वराज ने पवार को एक ‘विनम्र’ राजनेता बताया, जिन्होंने “अपनी वाणी के जरिए किसी को कभी दुख नहीं पहुंचाया।”

जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि हमारे देश में कुछ अवांछित तत्व देश के लोकतांत्रिक ताने को तार-तार करने की कोशिश कर रहे हैं।

यादव ने कहा, “इसके पीछे गैरलोकतांत्रिक ताकते हैं। हम राजनीतिज्ञ लोग 24 घंटे जनता की सेवा करते हैं। लेकिन इस देश में नेताओं के खिलाफ अविश्वास का वातावरण पैदा किया जा रहा है.. यदि यह नहीं रुका तो मुश्किल से हासिल की गई हमारी आजादी छिन्न-भिन्न हो जाएगी।” 

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बासुदेव आचार्य ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए खतरनाक हैं। यह लोकतंत्र की बेइज्जती है।

शिव सेना, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा), बीजू जनता दल (बीजद), जनता दल (सेक्युलर), और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी हमले की निंदा की और सरकार से मांग की कि पवार के हमलावर को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि देश के गैर लोकतांत्रिक ताकतों को संदेश मिले।

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, “सरकार को कठोर दंड देने पर विचार करना चाहिए। सर्वसम्मति के निर्णय से इन तत्वों को एक कड़ा संदेश मिलेगा।”

शिव सेना के अनंत गंगाराम गीते ने कहा कि हमलावर को “दंडित किया जाना चाहिए ताकि ऐसे अन्य तत्वों को नसीहत मिले।”

सदस्यों ने पवार पर हमले की घटना पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की टिप्पणी की भी निंदा की। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना ने कहा था, “केवल एक थप्पड़?”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरुदासदास गुप्ता ने सदन में कहा, “हजारे बहुत गलत हैं।” बसपा और सपा नेताओं ने भी अन्ना की आलोचना की।

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