नई दिल्ली ।। गांधीवादी अन्ना हजारे पक्ष के प्रमुख सदस्य और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के साथ दक्षिण पंथी संगठन श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं की मारपीट का मामला बुधवार को राजनीतिक रूप से काफी तूल पकड़ा जबकि प्रशांत ने ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम, गांधीवादी अन्ना हजारे, पुलिस की पूर्व अधिकारी किरण बेदी सहित कई लोगों ने इस हमले की निंदा की। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि हमलावरों के साथ उसका कोई सम्बंध नहीं है।

ज्ञात हो कि प्रशांत के चैम्बर में तीन युवक दाखिल हुए। इनमें से एक इंदर वर्मा ने वरिष्ठ वकील के साथ मारपीट शुरू कर दी। बाद में वकीलों और अन्य लोगों ने वर्मा को काबू कर लिया। युवकों ने कहा कि उन्होंने कश्मीर पर प्रशांत की टिप्पणी का विरोध किया।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “आरोपी इंदर वर्मा नांगलोई में रहता है उसे सर्वोच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किया गया जबकि उसके दो साथी विष्णु गुप्ता और तेजेंदर पाल फरार हैं।” पुलिस ने कहा कि दोनों को पकड़ने के लिए छापे की कार्रवाई की जा रही है।

वहीं, प्रशांत पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए श्री राम सेना के राज्य इकाई के महासचिव तुषार अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, “जम्मू एवं कश्मीर पर प्रशांत भूषण के बयान राष्ट्र-विरोधी थे और जो कोई भी इस तरह का बयान देगा वह बच नहीं पाएगा।”

ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय परिसर स्थित अपने चैम्बर में प्रशांत एक टेलीविजन चैनल को साक्षात्कार दे रहे थे तभी उन पर यह हमला हुआ। भूषण ने आईएएनएस को बताया, “वे श्रीराम सेना के कार्यकर्ता थे।” युवक को कश्मीर पर दिए उनके बयान पर आपत्ति थी। उन्होंने घटना की प्राथमिकी दर्ज करा दी है।

दो हफ्ते पहले वाराणसी में एक संवाददाता सम्मेलन में उनसे पूछा गया कि क्या वह कश्मीर में जनमत संग्रह का समर्थन करेंगे, तो उन्होंने जवाब हां में दिया था।

वहीं, घटना की निंदा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा, “किसी को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। मैंने हमले में संलिप्त लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस से कहा है।”

इस घटना की सभी ने निंदा की है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “इस बर्बरतापूर्ण घटना को व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है। आरोपियों की पहचान कर कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।”

गांधीवादी अन्ना हजारे ने प्रशांत पर हुए हमले की निंदा की और अपने सहयोगियों के लिए ‘कुछ समय’ तक सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की।

अन्ना की एक अन्य सहयोगी किरण बेदी ने कहा, “उन्होंने देश के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति के ऊपर हमला किया है।”

नोएडा स्थित अपने आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भूषण ने कहा, “देश में इस संगठन का सामाजिक रूप से बहिष्कार करने की जरूरत है और शायद सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। यह श्रीराम सेना निहत्थे लोगों पर अपनी गुंडई के लिए जानी जाती है।”

उन्होंने कहा, “उन्होंने इसके पहले मंगलौर में जो कुछ किया यह उसी का प्रमाण है। वहां उन्होंने एक पब के बाहर कई युवा लड़कों और लड़कियों को पीटा।”

संगठन की कार्यप्रणाली की तुलना हिटलर से करते हुए प्रशांत ने कहा, “उनकी कार्यप्रणाली हिंसक है। ऐसा हिटलर की जर्मनी में हुआ करता था। हिटलर के जवानों की बातों से जब कोई असहमत होता था तो वे उन्हें पीटने लगते थे।”

वहीं, भाजपा ने हमलावरों के साथ अपने किसी भी सम्बंध का इंकार किया।

भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा, “यह बहुत ही शर्मनाक है और भाजपा इसकी निंदा करती है। इसे लेकर जो कुछ भी कानूनी प्रक्रिया हो उसे लागू करना चाहिए।”

एक हमलावर के दावों के बारे में पूछे जाने पर कि उसने भाजपा की युवा इकाई का सदस्य बताया है। इस पर प्रवक्ता ने उसके साथ किसी तरह का सम्पर्क होने से इंकार किया। उन्होंने कहा, “भाजपा का ऐसे लोगों के साथ कोई लेना-देना नहीं है।”

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here