इम्फाल/अगरतला ।। विपक्षी दलों ने शुक्रवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की, यहां पर नए जिले के गठन के लिए राष्ट्रीय राजमार्गो की 75 दिनों से जारी नाकेबंदी के कारण राज्य में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम से इस समस्या पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली रवाना हुए।

एक अधिकारी ने इम्फाल में संवाददाताओं से कहा, “नई दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने एक अगस्त से जारी सड़क नाकेबंदी को समाप्त करने के लिए आंदोलनकारियों से अनुरोध किया। लेकिन ‘सदर हिल्स डिस्ट्रीक्ट डिमांड कमिटी’ (एसएचडीडीसी) ने नये जिले के गठन की मांग को दोहराते हुए नाकेबंदी समाप्त करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।”

नये जिले के गठन की मांग के विरोध में मणिपुर में नागाओं का शीर्ष संगठन संयुक्त नागा परिषद (यूएनसी) उत्तरी मणिपुर के नागा बहुल इलाकों में सड़क जाम कर रहा है। संगठन का कहना है कि बिना उनकी अनुमति के इन इलाकों का पृथक्करण नहीं होना चाहिए।

त्रिपुरा और असम में रहने वाले मणिपुर के लोगों ने भी सड़क नाकेबंदी को समाप्त किए जाने की मांग की है।

प्रमुख विपक्षी दलों मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित अन्य कई दलों ने शुक्रवार को मणिपुर में हालात सामान्य बनाने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को दोहराया।

भाजपा ने लोगों के कष्ट को देखते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है।

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