नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि हाल में मुम्बई और दिल्ली में हुए बम विस्फोट राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने खड़ी बड़ी चुनौती की गम्भीर चेतावनी हैं। इसके साथ ही सिंह ने देश के सुरक्षा हालात को अनिश्चित बताया।

यहां आयोजित पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति लगातार अनिश्चित बनी हुई है। मुम्बई और दिल्ली में हाल के आतंकवादी हमले हमारे देश के सामने आतंकवादियों की बड़ी चुनौती की गम्भीर चेतावनी हैं।”

ज्ञात हो कि 13 जुलाई को मुम्बई में हुए विस्फोटों में 27 व्यक्ति मारे गए थे और 125 लोग घायल हो गए थे। वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर सात सितम्बर को हुए विस्फोट में 14 व्यक्ति मारे गए थे और 90 से अधिक घायल हो गए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 नवम्बर, 2008 को मुम्बई में हुए हमले से पता चला कि आतंकवादी अपने सम्पर्क और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “इसलिए हमें अपने दुश्मनों से एक कदम आगे रहना है। इस बात को ध्यान मे रखते हुए कई एजेंसियों वाले सहायक केंद्रों और राज्य की विशेष शाखाओं के बीच सम्पर्क की सुविधा विकसित की गई है।”

सिंह ने आशा जाहिर की कि राष्ट्रीय गुप्तचर ग्रिड (नेटग्रिड), आतंकवादी हमलों का समय से पहले अनुमान लगाने के लिए जरूरी महत्वपूर्ण आकड़े अबाध गति से मुहैया कराता रहेगा।

नक्सल विरोधी प्रयासों का नेतृत्व करने में पुलिस महानिदेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए सिंह ने आग्रह किया कि इस समस्या पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए और नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास प्रक्रिया को अनवरत जारी रखने की कोशिश की जानी चाहिए।

जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री कहा कि राज्य में सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ लगातार जारी है। उन्होंने सुरक्षा बलों को चेताया कि उन्हें किसी भी तरह की ढील नहीं बरतनी है, क्योंकि सीमा पार स्थित आतंकवादी शिविर फिर से सक्रिय हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2011 की गर्मियों में जम्मू एवं कश्मीर में शांति रही और वहां पर्यटकों व तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है। राज्य में हुए पंचायत चुनावों में भी बड़ी संख्या में मतदाताओं ने हिस्सा लिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “इन सकारात्मक घटनाक्रमों के बावजूद जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा के मामले में कोताही बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है।”

सिंह ने कहा, “ऐसी रपटें मिली हैं कि सीमा पार स्थित आतंकवादी शिविर फिर से सक्रिय हो गए हैं और आतंकवादी देश में घुसपैठ करने की कोशिशें कर रहे हैं। हमें राज्य में सभी सुरक्षा एजेंसियों की सहज एवं समन्वित सक्रियता के जरिए इस तरह की घुसपैठ की कोशिशों को विफल करना है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर में इस वर्ष गर्मी के दिनों में शांति रही है और बड़ी संख्या में पर्यटक, यात्री और तीर्थयात्री राज्य में पहुंचे हैं। पंचायत चुनाव में अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए बड़ी संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचे हैं। वास्तविक चुनौती अब लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की होगी।”

पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा के हालात पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वहां काफी स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारी लोकतांत्रिक राजनीति में सभी समुदायों, संस्कृतियों और क्षेत्रों की उचित भावनाओं का सम्मान करने की क्षमता है। हमारे पास इतनी जगह है, जहां हम सभी शांति एवं सम्मान के साथ मिलकर रह सहते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “असम में आतंकवादी संगठनों के साथ बातचीत के वातावरण में सुधार हुआ है। दार्जीलिंग हिल्स में स्थिति में सुधार हुआ है।”

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