नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के 17वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने बुधवार को मालदीव रवाना हो गए। सम्मेलन में वह क्षेत्र में मुक्त व्यापार की वकालत करेंगे और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात करेंगे। 

प्रधानमंत्री, शिखर सम्मेलन के इतर मौके पर दक्षिण एशियाई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे। 

विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और विदेश सचिव रंजन मथाई दो दिवसीय दक्षेस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। सम्मेलन अद्दू द्वीप में गुरुवार अपराह्न् शुरू होगा।

दक्षेस के 17वें शिखर सम्मेलन का विषय है ‘सेतु निर्माण’। सम्मेलन के समापन के मौके पर शुक्रवार को संयुक्त घोषणा पत्र जारी होगा।

शिखर सम्मेलन में चार समझौतों पर हस्ताक्षर होने की सम्भावना है। इसमें कृषि उपज को बढ़ावा देने के लिए एक बीज बैंक की स्थापना और तूफान व भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबले के लिए एक त्वरित कार्यबल के गठन सम्बंधी समझौते शामिल हैं।

दक्षेस के लिए रवाना होने से पहले मनमोहन सिंह ने क्षेत्र में मुक्त व्यापार की वकालत की और कहा कि वह दक्षिण एशियाई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए उत्सुक हैं।

प्रस्थान से पहले एक बयान में सिंह ने कहा, “दक्षेस शिखर सम्मेलन में हम दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते के तहत मुक्त व्यापार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।”

सिंह ने कहा, “हम क्षेत्रीय मानकों के क्रियान्वयन, अनुरूपता मूल्यांकन पर बहुपक्षीय व्यवस्था, प्राकृतिक आपदाओं के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया, और दक्षेस बीज बैंक की स्थापना सम्बंधी समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद करते हैं।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय अखंडता को बढ़ावा देने के साथ ही दक्षिण एशियाई पहचान लिए काम करेगा।

मनमोहन सिंह ने कहा, “दक्षेस शिखर सम्मेलन के इतर मौके पर मैं सम्मेलन में हिस्सा ले रहे अन्य दक्षिण एशियाई शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए उत्सुक हूं।”

मनमोहन सिंह पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, मालदीव और भूटान के नेताओं के साथ दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के इतर मौके पर द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।

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