नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गुरुवार को तीन दिवसीय रूस दौरे पर मास्को के लिए रवाना हो गए। अपनी इस यात्रा के दौरान वह भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे तथा रूसी नेतृत्व से वैश्विक आर्थिक मंदी सहित बहुपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे।

मास्को के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस दौरे पर उनकी कोशिश द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 8.5 अरब डॉलर से बढ़ाने की होगी। इसके साथ ही उनका जोर रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष तकनीक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सम्बंधों को बढ़ावा देने पर रहेगा।

प्रधानमंत्री तमिलनाडु में कुडनकुलन परमाणु संयंत्र की तीसरी व चौथी इकाई की स्थापना से सम्बद्ध समझौते के बारे में भी मेदवेदेव से चर्चा करेंगे। जहां के ग्रामीण पिछले 10 महीनों से पहली दो इकाइयों के खिलाफ आंदोलरत हैं। जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में इस साल के आरम्भ में हुई त्रासदी के बाद से यहां के लोग इस संयंत्र का विरोध कर रहे हैं।

रूसी राष्ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव के आमंत्रण पर भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने यहां जारी बयान में कहा कि रूसी नेतृत्व से वार्ता के दौरान वैश्विक आर्थिक मंदी सहित बहुपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होगी।

प्रधानमंत्री ने बयान में कहा, “पिछले दशकों से भारत और रूस के बीच शीर्ष स्तर पर होने वाली वार्षिक बैठकों की परिपाटी ने परस्पर सम्बंधों को प्रगाढ़ बनाने में बहुत योगदान दिया है। यह बात परम्परा और इतिहास में मौजूद है। आज हमारे और रूस के बीच महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदारी है। इन शीर्ष स्तरीय बैठकों पर हमारा बहुत ध्यान रहा है और इनमें जो फैसले लिए जाते हैं उन्हें बाद में क्रियान्वित किया जाता है, जिससे सहयोग के नए-नए रास्ते खुलते हैं।”

उन्होंने कहा, “इस बार की वार्षिक बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब अंतर्राष्ट्रीय माहौल बहुत जटिल है। मैं रूस के नेताओं के साथ दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के सामने मौजूद संकट और हमारे पड़ोस जिसमें पश्चिम एशिया भी शमिल है, खाड़ी और अफगानिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रम और दुनिया की शांति और स्थिरता पर उसके प्रभावों पर विचारों के आदान प्रदान के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं राष्ट्रपति मेदवेदेव के साथ अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, जी-20, ब्रिक्स और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन के बारे में चर्चा करूंगा, जिसमें हाल ही में रूस शामिल हुआ है।”

उन्होंने कहा, “रूस के साथ हमारे पारस्परिक सम्बंध आपसी विश्वास, मित्रता और साझा हितों पर आधारित हैं। हमारे सम्बंध विभिन्न क्षेत्रों में हैं, जिनमें परमाणु ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक, हाइड्रोकार्बन, व्यापार और निवेश तथा जनता के बीच आदान-प्रदान शामिल है। मैं व्यापार, आर्थिक एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग और बढ़ाने के तंत्र पर चर्चा करूंगा।”

उन्होंने कहा, “अपनी यात्रा के दौरान मैं प्रधानमंत्री व्लादीमीर पुतिन के साथ बैठक की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं। उनके साथ मार्च 2010 में भारत यात्रा के बाद से सम्बंधों में प्रगति की समीक्षा करूंगा।”

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