नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के लिए रवाना होने से पहले सभी राष्ट्रों से आर्थिक मंदी, आतंकवाद और पश्चिम एशिया एवं उत्तर अफ्रीका में अशांति जैसी चुनौतियों से निपटने का आह्वान किया।

छह दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पहले जारी बयान में प्रधानमंत्री ने कहा, “आज सभी देशों के लिए यह सबसे अधिक जरूरी है कि उन्हें इन चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होकर कार्रवाई करनी चाहिए। यह समय संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने का है।”

मनमोहन सिंह ने कहा, “अपनी यात्रा के दौरान मैं ईरान, दक्षिण सूडान और श्रीलंका के राष्ट्रपति तथा जापान व नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठकों को लेकर उत्सुक हूं।”

प्रधानमंत्री के साथ गए उच्चस्तरीय प्रतिनिधमंडल में विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा, उनके प्रधान सचिव टी.के.ए. नायर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, और विदेश सचिव रंजन मथाई शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का अधिवेशन इस वर्ष ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया के सामने ढेरों चुनौतियां हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी में है और मुद्रास्फीति के दबाव सहित कई समस्याएं एकसाथ मौजूद हैं।

सिंह ने कहा, “पश्चिम एशिया, उत्तर अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्रों में भारी उथल-पुथल है और दुनिया के इस महत्वपूर्ण हिस्से में निकट भविष्य में स्थितियों के सही आकार लेने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फिलीस्तीन का प्रश्न अनसुलझा है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष आतंकवाद व समुद्री डकैती जैसे नए खतरे, राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय राजनैतिक एवं सामाजिक व्यवस्था के लिए खतरा बने हुए हैं। सिंह ने इन सभी मुद्दों से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र का उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत 19 वर्षो बाद इस वर्ष जनवरी में सुरक्षा परिषद का एक बार फिर अस्थायी सदस्य बना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं मानता हूं कि अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने और एक विकासशील देश के दृष्टिकोण को सामने लाने के प्रयासों ने परिषद में विचार-विमर्श की परम्परा को समृद्ध किया है और उसकी कारगरता बढ़ायी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र को हर हाल में एक निष्पक्ष, विश्वसनीय और प्रभावी संस्था के रूप में देखा जाना चाहिए। मैं इस अनूठे संगठन में जल्द सुधार लाने, खासतौर से सुरक्षा परिषद के विस्तार की जरूरत पर जोर दूंगा।”

संयुक्त राष्ट्र महासभा का मौजूदा सत्र 13 सितम्बर को शुरू हुआ। इस वर्ष आम बहस और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों का सम्बोधन 21 सितम्बर से 30 सितम्बर तक होंगे। मनमोहन सिंह का सम्बोधन 24 सितम्बर को होगा।

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