नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि तीन से सात वर्षो की सजा की सम्भावना वाले मामलों में जमानत देने के लिए सिद्धांत पर निर्णय के लिए सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर, न्यायमूर्ति एस.एस. निज्जर और न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर की खंडपीठ ने कहा कि वह जमानत देने में शामिल सिद्धांतों के सवाल पर सुनवाई करेगी।
इसके पहले न्यायालय को बताया गया कि उच्च न्यायालय और निचली अदालतें शीर्ष अदालत में की गई टिप्पणियों और मीडिया में आई रपटों के मद्देनजर जमानत देने से इंकार कर रही हैं।
आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा के साथ सह-आरोपी वी.के सिन्हा की ओर से पेश रंजीत कुमार ने न्यायालय से कहा कि ‘सबकुछ मीडिया पर आधारित है। निचली अदालतों में मीडिया में आई रपटों के आधार पर सवाल पूछे जाते हैं।’
वरिष्ठ वकील ने कहा कि एक मामले का निर्णय मीडिया की रपटों के आधार पर नहीं होना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि जमानत देने में सिद्धांत तय करने के लिए वह 18 जनवरी को सुनवाई करेगा।