नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फ्रांस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि डीजल से भी सरकारी नियंत्रण हटाया जा सकता है। इसके बाद बाजार की स्थिति से ही इसके कीमत का निर्धारण होगा।

पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों के बारे में पूछने पर प्रधानमंत्री ने साफ किया कि कीमतें बढ़ना जायज है। प्रधानमंत्री ने संकेत दिया है कि पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतें वापस नहीं ली जायेंगी।

प्रधानमंत्री का कहना है कि पेट्रोल के बाद अब डीजल, केरोसिन और एलपीजी भी डीरेग्यूलेट होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे कहने में कोई हर्ज नहीं कि बाजार खुद ही कीमतें तय कर लेगा।

प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि बढ़ती खाधान्न मंहगाई दर हमारी संपन्नता का प्रतीक है। संक्षेप में बताते हुए उन्होंने कहा कि खाधान्न मुद्रा स्फीति की दर में वृर्दि का मतलब अनाजों की कीमतों में वृर्दि से नहीं है।

अनाज की कीमतें स्थिर हैं और बढ़ती खाधान्न मंहगाई दर अंडे, सब्जियों मछलियों की कीमतों में वृर्दि की वजह से है। इन सब की कीमतों में वृर्दि की मुख्य वजह मांग और आपूर्ति के सिंद्धांत से निर्धारित होती है।

उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रीय उत्पादन दर भी बढ़ रही है और यहां के प्रति वयक्ति आय में भी सलाना 7 फीसदी की वृर्दि हो रही है जबकि जनसंख्या वृर्दि की दर 1.6 फीसदी सलाना है। इस लिहाज से हम संपन्नता की और निरंतर अग्रसर हैं क्योकि लोगों की व्यय करने की क्षमता में भी इजाफा हो रहा है।

हालांकि उन्होंने कहा कि 4.6 फीसदी के वित्तीय घाटे को कम करना जरूरी है। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद भी ये सवाल उठता है कि सरकार चुनावों के समय पेट्रोल, डीजल की कीमतें नहीं बढाती है और क्यों अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें घटने पर कीमतें घटाती है। इससे सरकार के इस मंशा पर सवाल उठना लाज़िमी है कि सरकार का नियंत्रण इसपर बिल्कुल नहीं है।

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