नई दिल्ली ।। राज्य सभा सांसद व समाजवादी पार्टी [सपा] के पूर्व नेता अमर सिंह ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में खुद के उपस्थित न हो पाने की वजह खराब स्वास्थ्य बताई है। अदालत ने संसद में जुलाई 2008 के विश्वास मत के दौरान ‘वोट के लिए नोट’ मामले में अमर की कथित संलिप्तता के लिए उन्हें समन भेजा था।

तीस हजारी अदालत परिसर के बाहर अमर के वकील ने संवाददाताओं से कहा, “अमर सिंह स्वस्थ नहीं हैं और वह बिस्तर पर हैं। डॉक्टर ने उन्हें घूमने-फिरने से मना किया है। इसलिए हमने एक याचिका देकर कहा है कि वह मंगलवार को अदालत में उपस्थित नहीं हो पाएंगे।”

उन्होंने कहा, “वह अदालत में उपस्थित होने से बच नहीं रहे हैं और जब अदालत सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित करेगी तो वह अदालत में उपस्थित होंगे।”

इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद अमर व तीन अन्य को मंगलवार को अदालत के सामने उपस्थित होना था।

विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने 25 अगस्त को अमर, भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] के पूर्व सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी को समन जारी किया था।

अमर के वकील ने कहा, “आरोपपत्र परिस्थितिजन्य कमजोर साक्ष्यों पर आधारित है।”

उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई, 2008 को तीन भाजपा सांसदों ने लोकसभा में विश्वास मत के दौरान नोटों की गड्डियां लहराई थीं। इन सांसदों का आरोप था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए उन्हें यह पैसा दिया गया है।

आरोपपत्र में कहा गया है कि जांच के दौरान इस बात के पर्याप्त सबूत मिले हैं कि 22 जुलाई, 2008 की सुबह अमर सिंह ने अपने सचिव संजीव सक्सेना के साथ अवैध रूप से एक करोड़ रुपये देने का आपराधिक षडयंत्र रचा था।

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