त्रिशूर (केरल) ।। केरल की एक त्वरित अदालत ने चलती ट्रेन से एक युवती को धक्का देकर गिराने और फिर बलात्कार के बाद उसकी हत्या किए जाने से सम्बद्ध मामले में गोविंद चमिया को दोषी ठहराते हुए उसे शुक्रवार को मौत की सजा सुनाई।

घटना एक फरवरी की है। त्रिशूर त्वरित अदालत के न्यायाधीश के. रवींद्र बाबू ने चमिया पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। चमिया तमिलनाडु का रहने वाला है।

अपने फैसले में न्यायमूर्ति बाबू ने कहा कि दोषी दया का पात्र नहीं है, क्योंकि वह समाज के लिए खतरा है।

चमिया ने यह कहते हुए सजा कम करने का अनुरोध किया कि वह भविष्य में कोई गलती नहीं करेगा। लेकिन न्यायाधीश ने उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई।

अदालत का फैसला आने के बाद पीड़िता सौम्या की मां रो पड़ी। उन्होंने हत्यारे को मृत्युदंड दिए जाने पर खुशी जताई और कहा, “मैंने अपनी बेटी खोई है। मेरी बेटी के हत्यारे को यह सजा मिलनी ही चाहिए।”

बाद में चमिया के वकील ने संवाददाताओं से कहा कि वह अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

घटना एक फरवरी की है, जब सौम्या कोच्चि से अपने घर जा रही थी। वह एर्नाकुलम-शोरनपुर पैसेंजर ट्रेन के महिला कम्पार्टमेंट में थी। तभी चमिया वहां आया और उसने सौम्या के साथ छेड़छाड़ की। कम्पार्टमेंट में कोई पुलिस गार्ड मौजूद नहीं था।

चमिया ने सौम्या को चलती ट्रेन से धक्का देकर गिरा दिया और खुद भी कूद गया। बाद में उसने उसके सिर पर पत्थर से वार किया और उसके साथ बलात्कार किया। रात 9.30 बजे चेरुथुरुथी के पास वेट्टिक्काट्टिरी में रेल पटरियों पर सौम्या अचेतावस्था में पाई गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन छह फरवरी को उसने दम तोड़ दिया।

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