नई दिल्ली ।। देश की आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के लिए वैश्विक आर्थिक कारणों को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार में नीतिगत अवरोध नहीं है और देश की अर्थव्यवस्था में संकट से बाहर निकलने की क्षमता है।

मुखर्जी ने राज्य सभा में कहा, “यह सवाल पूछा जाता है कि क्या हम मंदी में पहुंच चुके हैं, क्या हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं कि अर्थव्यवस्था पटरी से उतर जाए, क्या हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं जहां सुधार करने और आगे बढ़ने की गुंजाइश नहीं है।”

मंत्री ने कहा कि ये धारणाएं गलत हैं। देश की अर्थव्यवस्था में संकट से बाहर निकलने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि सरकार किसी नीतिगत अवरोध की शिकार नहीं है और वह महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है।

उन्होंने कहा, “यह मानना कि फैसले लेने की प्रक्रिया में नीतिगत अवरोध है, गलत है। यह मानना कि सरकार काम नहीं कर पा रही है, गलत है। “

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सरकार ने राष्ट्रीय विनिर्माण नीति और खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसे कई फैसले लिए हैं।

मुखर्जी ने यूरोप तथा दुनिया के अन्य हिस्सों में जारी आर्थिक संकट का हवाला देते हुए कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में हो रही गतिविधियों से अप्रभावित नहीं रह सकती।”

मंत्री ने कहा कि यदि विकसित अर्थव्यवस्था में सुधार आता है, तो देश की अर्थव्यवस्था में इसका लाभ उठाने की क्षमता है।

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