बेंगलुरू ।। कर्नाटक के गृहमंत्री आर. अशोक ने भूमि घोटाले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ पुलिस जांच के आदेश के बाद विपक्षी दलों द्वारा की जा रही इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया।

उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, “इस्तीफे की मांग करना विपक्षी दलों के लिए स्वाभाविक है। वे अब तक हजारों बार ऐसा कर चुके हैं।”

अशोक ने कहा कि उनके गृहमंत्री पद पर बने रहने से जांच प्रभावित नहीं होगी और वह जांच में पूरी तरह से सहयोग करेंगे।

विशेष लोकायुक्त अदालत के न्यायाधीश एन.के. सुधींद्र राव ने गुरुवार को पुलिस को आरोपों की जांच करने एवं जांच रिपोर्ट पांच नवम्बर तक देने का आदेश दिया है। इसके बाद से विपक्षी कांग्रेस एवं जनता दल सेक्यूलर (एस) अशोक के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने अदालती आदेश एवं विपक्षी दलों की मांग पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मेरा मानना है कि हमें न्यायालय के मामलों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।”

अदालत के आदेश के तुरंत बाद नेता विपक्ष एवं कांग्रेस के विधायक सिद्दरमैया ने पत्रकारों से कहा, “अशोक गृहमंत्री हैं। वह मंत्री बने रहेंगे तो सही जांच कैसे हो सकेगी।”

अशोक पर आरोप है कि उन्होंने 2009 में बाजार भाव से कम कीमत पर आधा एकड़ सरकारी जमीन हासिल की, जिससे सरकारी खजाने को 50 करोड़ रुपये की हानि हुई।

अशोक, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के साथ मामले में मुख्य आरोपी हैं।

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