सबरीमाला ।। केरल के प्रसिद्ध तीर्थस्थल सबरीमाला मंदर के पट खुलने के साथ गुरुवार तड़के यह तीर्थयात्रा शुरू हो गई। इस साल की शुरुआत में इस तीर्थयात्रा के दौरान मची भगदड़ में 100 से ज्यादा तीर्थयात्री मारे गए थे।

मलयालम महीने वरिशिकम के पहले दिन गुरुवार को तड़के ठीक तीन बजे मुख्य पुजारी एन.बालामुरली के मंदिर के पट खोलने के साथ दो महीने लम्बी तीर्थयात्रा शुरू हुई। भगवान अयप्पा के दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने ‘स्वामिये शरनामायप्पा’ के जयकारे लगाए।

यह मंदिर एक पहाड़ी की ऊंचाई पर स्थित है। बुधवार शाम से ही श्रद्धालु मंदिर के पट खुलने के इंतजार में कतारबद्ध होकर खड़े थे। मुख्य रूप से तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। यहां श्रद्धालुओं की पांच कतारें लगी हुई हैं। प्रत्येक कतार एक किलोमीटर तक लम्बी है।

पिछले साल तीर्थयात्रा में हुए हादसे के मद्देनजर इस बार यहां सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी बढ़ा दी गई है। भीड़ को कम करने के लिए नई पगडंडी (फुटपाथ), नया पुल बनाया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से अन्य कदम भी उठाए गए हैं।

केरल के पुलिस महानिदेशक जैकब पुनूस ने बताया कि उन्होंने ज्यादा भीड़ इकट्ठी न हो और भगदड़ न हो इसलिए मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते में कई इंतजाम किए हैं।

राज्य के देवासम (मंदिर प्रशासन की देखरेख करने वाला संगठन) मंत्री वी.एस. शिवकुमार ने कहा कि इस बार मंदिर के खुलने के समय में परिवर्तन किया गया है।

मंदिर तड़के तीन बजे से दोपहर एक बजे तक खुला रहेगा और फिर दोबारा दोपहर तीन बजे से रात 11.45 बजे तक खुला रहेगा।

बुधवार शाम से ही कोट्टायम रेलवे स्टेशन पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ है। तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश से यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

केरल के पथनमथिट्टा जिले के पाम्बा स्थित चार किलोमीटर ऊंचे पहाड़ पर सबरीमाला मंदिर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 914 मीटर है।

यह हिंदुओं का सबसे प्रमुख तीर्थस्थल है। इसे हिंदुओं का मक्का कहा जाता है।

साल की शुरुआत में जनवरी में इस तीर्थयात्रा के दौरान मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

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