कुन्नूर ।। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि श्रमिकों का शोषण और असमानता से सुरक्षा का कानून समवर्ती सूची में आता है, इसलिए श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कानूनों में सुधार की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

खड़गे ने कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के कॉफी, चाय, रबर और मसालों के उत्पादकों के एक सम्मेलन में कहा, “आपको श्रम कानूनों में सुधार के लिए राज्य सरकारों से सम्पर्क करना चाहिए, क्योंकि इस विषय को समवर्ती सूची में रखकर संविधान ने उन्हें इसका अधिकार दिया है।”

उन्होंने युनाइटेड प्लांटर्स एसोसिएशन ऑफ साउदर्न इंडिया (उपासी) के 118वें सलाना सम्मेलन में कहा कि अलग अलग राज्यों में श्रम कानूनों में विविधता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार कमोडिटी के उत्पादकों और श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए खासकर न्यूनतम मजदूरी से सम्बंधित कानूनों में सुधार करेगी।

देश में कॉफी, चाय, रबर और मसालों के उत्पादन में दक्षिण भारतीय राज्यों की बड़ी हिस्सेदारी है। देश में इन कमोडिटी के 16 लाख उत्पादकों में 79 फीसदी दक्षिण भारत में हैं, जबकि इस क्षेत्र में काम करने वाले देश भर के 24 लाख श्रमिकों में से 57 फीसदी दक्षिण भारत में हैं।

कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के कॉफी, चाय, रबर और मसालों के उत्पादकों की 118वीं सलाना बैठक यहां शनिवार को शुरू हुई लेकिन इस बार खराब मौसम और तिथि बदलने की वजह से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हो सके।

सलाना बैठक पिछले लगभग सौ सालों से सितम्बर माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होती रही है। लेकिन इस वर्ष कई बार तिथि बदलने की वजह से इसकी चमक फीकी दिखाई दे रही है।

दक्षिणी प्रायद्वीप में उत्तर पूर्वी मानसून के आगमन के कारण पिछले दो सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है और ठंडी हवा का झोंका चल रहा है।

इस वर्ष केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा की अनुपलब्धता के कारण सप्ताह-दर-सप्ताह बैठक की तिथि में बदलाव होता रहा। शर्मा बैठक का उद्घाटन करने वाले थे।

संशोधित तिथि में भी शर्मा और उनके सहायक केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की नामौजूदगी के कारण आखिरकार आयोजकों ने सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित किया।

किसी कारण से रमेश के रविवार को मौजूद नहीं हो पाने के कारण खड़गे ने कांचीपुरम के सांसद पी. विश्वनाथन और उत्तर प्रदेश के रामपुर की सांसद और दक्षिण भारतीय अभिनेत्री पी. जयाप्रदा नाहटा के साथ सम्मेलन का उद्घाटन किया।

रमेश और खड़गे कर्नाटक से सांसद हैं।

सम्मेलन के दौरान कर्नाटक के कॉफी उत्पादक एस. बलियप्पा ने संवाददाताओं से कहा, “उपासी के इतिहास में पहली बार एक वीआईपी द्वारा उद्धाटन करवाने के लिए सम्मेलन की तिथि बढ़ाई गई। खराब मौसम के कारण तीनों राज्यों के करीब 60 फीसदी उत्पादकों ने इस बार सम्मेलन में शिरकत नहीं किया।”

सप्ताहांत में और ठीक दीपावली के पहले सम्मेलन रखे जाने के कारण भी उत्पादक इसमें शामिल नहीं हुए।

खराब मौसम ने प्रदर्शनी को भी प्रभावित किया और इसमें भी पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी कम भागीदारी रही।

सम्मेलन में शनिवार को जहां तकनीकी सत्र में विशेषज्ञों ने कॉफी, चाय, रबर और मसालों से सम्बंधित पेपर प्रस्तुत किए, वहीं रविवार को मुख्य सम्मेलन में सभी चार क्षेत्रों के बोर्ड ने क्षेत्र की आगामी सम्भावनाओं पर विचार किया।

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