नई दिल्ली ।। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने माना कि देश में स्वच्छता की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने इसके लिए सरकारी अनुदान बढ़ाने की सिफारिश की।
संयुक्त राष्ट्र मानव विकास रिपोर्ट 2011 जारी करते हुए बुधवार को रमेश ने कहा, “देश में मानव विकास पर स्वच्छता एक बड़ा धब्बा है। स्वच्छता की स्थिति बेहद खराब है।”
उन्होंने हालांकि शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल उपलब्धता की स्थिति में सुधार की बात कही, लेकिन स्वच्छता पर चिंता जताई और कहा, “हमें इसके लिए बड़े पैमाने पर सरकारी अनुदान की आवश्यकता है।”
रमेश के मुताबिक, जहां जलापूर्ति पर सालाना 20,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, वहीं स्वच्छता पर वार्षिक खर्च केवल 2,000 करोड़ रुपये का है।
उन्होंने कहा, “देश के छह लाख गांवों में से 25,000 में लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं। देश के कई हिस्सों में लोग इस सम्बंध में आज भी पुरानी परम्परा का पालन कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय का ध्यान इस वक्त ऐसे परिवारों के लिए शौचालय का निर्माण करना है।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का श्रेय रमेश ने केंद्र सरकार को दिया और कहा कि देश में शिक्षा पर हो रहे खर्च का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करती है।