नई दिल्ली ।। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने बुधवार को कहा कि भारत कोई बहुसंख्यक शासन व्यवस्था वाला देश नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने अल्पसंख्यकों की हिफाजत के लिए सरकार की वचनबद्धता दोहराई। 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चिदम्बरम के खिलाफ की जा रही नारेबाजी के बीच केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार ने 2008 में सांप्रदायिक सौहार्द पर विस्तृत दिशानिर्देश तैयार किए थे।

चिदम्बरम ने कहा, “सरकार अल्पसंख्यकों के बारे में हमेशा चिंतित रही है.. अल्पसंख्यक इस बात के हकदार है कि उनकी हिफाजत की जाए। हम कोई बहुसंख्यक शासन व्यवस्था वाले देश नहीं हैं।”

चिदम्बरम ने सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन में राज्य सरकारों से मदद मांगी।

अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को गलत तरीके से हिरासत में रखने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर चिदम्बरम ने कहा कि पुलिस को दोष देना सही नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ मामलों में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।

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