नई दिल्ली ।। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने कहा कि वृद्धजनों को राष्ट्रीय वृद्धजन नीति का लाभ मिल रहा है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार वासनिक ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा में बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय वृद्धजन नीति यह जनवरी 1999 में घोषित की थी, जिसमें वृद्धजनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उन्हें वित्तीय और खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य की देखभाल, आश्रय और उनकी अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकारी सहायता की परिकल्पना की गई है। 

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अधिनियम बनाया गया था। इस अधिनियम में बच्चों या सम्बंधियों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण को अनिवार्य तथा न्यायाधिकरणों के माध्यम से न्योचित बनाने की व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि सम्बंधियों द्वारा लापरवाही किए जाने के मामले में विरष्ठ नागरिकों को अपनी सम्पत्ति के अंतरण पर रोक लगाने का अधिकार है। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के परित्याग के लिए दंड का प्रावधान है। 

वासनिक ने कहा कि बेसहारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धाश्रमों की स्थापना करना भी सरकार की योजना में शामिल है। 

उन्होंने यह भी बताया कि संविधान की धारा 1(3) के अनुसार अधिनियम को अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा लागू किया जाना है। 

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