रालेगण सिद्धि ।। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जन लोकपाल विधेयक को जल्द ही कानून नहीं बनाने की स्थिति में तीसरी बार आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले सामाजिक संगठनों की कोर समिति की दो दिवसीय बैठक महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में रविवार को संपन्न हुई। इस बैठक में अन्ना हजारे पक्ष के सदस्य अरविंद केजरीवाल, पुलिस की पूर्व अधिकारी किरण बेदी, वरिष्ठ वकील शांति भूषण, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के अलावा इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कई कार्यकर्ता शामिल हुए।

बैठक की समाप्ति के बाद सरकार के लोकपाल विधेयक को गुमराह करने वाला बताते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि जन लोकपाल विधेयक को अवश्य मंजूरी दी जानी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर वह तीसरी बार आंदोलन करेंगे। अपने सहयोगियों के साथ दो दिवसीय चिंतन बैठक के दूसरे दिन रविवार को अन्ना हजारे ने कहा, “जन लोकपाल विधेयक का विरोध न करें। जो इसका विरोध करते हैं, उन्हें दोबारा निर्वाचित नहीं किया जाना चाहिए।”

जन लोकपाल विधेयक का विरोध करने वाले सांसदों के आवास के बाहर धरना देने के लिए शनिवार को लोगों का आह्वान करने वाले अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि यह सब ‘शांतिपूर्ण और अहिंसक’ तरीके से होना चाहिए और लोगों को महात्मा गांधी का प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ गुनगुनाते रहना चाहिए।

पहले जंतर-मंतर और फिर दिल्ली के रामलीला मैदान पर हुए अपने आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने सहयोगियों से भ्रष्टाचार के खिलाफ तीसरे चरण के आंदोलन के लिए कोई अन्य स्थान ढूंढ़ने को कहा। उन्होंने कहा, “हम भविष्य की पीढ़ी के लिए लड़ रहे हैं। अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ें और जेल जाएं। मंदिर और जेल हमारे लिए समान हैं।”

अन्ना हजारे ने देशभर में शहरों और राजमार्गो पर टोल चेक पोस्ट को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “सभी टोल पोस्ट पर उस ठेकेदार का नाम और पूरी जानकारी होनी चाहिए, जो प्रतिदिन टोल टैक्स एकत्र करता है। परियोजना की पूरी लागत वसूल लिए जाने के बाद टोल संग्रहण रोक दिया जाना चाहिए।”

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अन्ना हजारे के सहयोगी जन-जन तक जाएंगे और उन्हें जन लोकपाल विधेयक तथा इसे लेकर सरकार के मसौदे के बारे में छोटी से छोटी जानकारी देंगे।

केजरीवाल ने कहा, “हम उन्हें इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के रुख के बारे में भी बताएंगे और उन्हें जन लोकपाल विधेयक के लाभ के बारे में जागरूक करेंगे।”

शनिवार को समाप्त हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सांसदों के प्रदर्शन का वार्षिक लेखा-जोखा तैयार कराने के लिए अन्ना हजारे प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। साथ ही राजनीतिक सुधारों जैसे ‘राइट टू रिकॉल’ और ‘राइट टू रिजेक्ट’ जैसे मुद्दों को मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस.वाई. कुरैशी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।

केजरीवाल ने शनिवार को कहा, “मौजूदा समय में मतदान के लिए जिस इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल होता है उसमें मतदाताओं के समक्ष ‘इनमें से कोई नहीं’ का भी विकल्प होना चाहिए। यदि ‘इनमें से कोई नहीं’ के पक्ष में ज्यादा मतदान होता है तो चुनाव रद्द कर दोबारा चुनाव कराने का प्रावधान होना चाहिए। वोटिंग मशीन में इस विकल्प को शामिल करने के लिए कानून में बदलाव की जरूरत नहीं है। इस विकल्प को अगले चुनावों से लागू किया जा सकता है।”

केजरीवाल ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] और गैर सरकारी संगठन [एनजीओ] ‘नेशनल कम्पेन फार पीपुल्स राइट टू इन्फार्मेशन’ [एनसीपीआरआई] की सदस्य अरुणा रॉय के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि लोकपाल विधेयक पर रॉय ने कोई मसौदा तैयार नहीं किया है। उन्होंने एक प्रस्ताव बनाया है जो संविधान के अनुरूप नहीं है।

उल्लेखनीय है कि प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे ने पिछले महीने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 12 दिनों का अनशन करने के बाद 13वें दिन अपना अनशन समाप्त किया। इसके बाद उन्होंने गत दो सितम्बर को अपने गांव में एक रैली को सम्बोधित किया।

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