जम्मू ।। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) को राज्य के कुछ इलाकों से हटाने को लेकर पिछले दिनों नई दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से हुई बातचीत के बारे में गुरुवार को कैबिनेट को अवगत कराया। 

एक महीने के भीतर कैबिनेट की यह पहली बैठक है। इससे पहले 28 अक्टूबर को श्रीनगर में मंत्रिमंडल की बैठक उस समय हुई थी। तब कैबिनेट के सदस्य यह जानना चाहते थे कि एएफएसपीए के बारे में बयान दिए जाने से पहले उन्हें विश्वास में क्यों नहीं लिया गया।

मंत्रिमंडल के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मुख्यमंत्री ने एएफएसपीए को लेकर नई दिल्ली में शीर्ष नेताओं के साथ हुई बातचीत की बिंदुवार जानकारी कैबिनेट को दी। एएफएसपीए हटाने के पीछे उन्होंने घाटी में आतंकवाद में कमी, शांति व्यवस्था और इस वर्ष घाटी में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को वजह बताया। 

उमर ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को बताया कि नई दिल्ली दौरे के समय उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी, केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम और सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह से मुलाकात की।

केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सेना के सुरक्षा विशेषज्ञ एएफएसपीए पर आम सहमति बनाने में जुटे हुए हैं। राज्य सरकार के प्रारम्भिक नोट के मुताबिक राजधानी श्रीनगर सहित चार जिलों से एएफएसपीए हटाने की बात कही गई है।

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