नई दिल्ली ।। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम को स्वास्थ्य के आधार पर सोमवार को जमानत दे दी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 19 नवम्बर को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।

न्यायालय ने सुखराम को 10 लाख रुपये की दो जमानते देने का निर्देश दिया है। मामले का निपटारा हो जाने तक न्यायालय ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई सजा भी निलम्बित कर दी है।

न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा, “अपीलकर्ता (सुखराम) की 86 साल की उम्र और उनके हृदय रोग से पीड़ित होने को देखते हुए न्यायालय आरोपी को जमानत देता है। मैं मामले का निपटान होने तक विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई सजा भी निलम्बित करता हूं।”

सुखराम पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री थे। सीबीआई की विशेष अदालत ने 18 नवम्बर को उन्हें 1996 में एक संचार कम्पनी को केबल देने के बदले उससे तीन लाख रुपये की रिश्वत लेने का दोषी ठहराया था।

सीबीआई अदालत के न्यायाधीश आर. पी. पांडेय ने 19 नवम्बर को उन्हें अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें तीसरी बार दोषी ठहराया गया है। इससे पहले 2002 और 2009 में भी उन्हें भ्रष्टाचार के दो अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया था, लेकिन वह जेल से बाहर थे।

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