अहमदाबाद, Hindi7.com ।। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पंगा लेना सीनियर आईपीएस ऑफिसर संजीव भट्ट को महंगा पड़ ही गया। बीते सोमवार की रात को गुजरात सरकार ने इनको सस्पेंड कर दिया। साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों के मामले में भट्ट का गुजरात सरकार के साथ टकराव चल रहा है।

गुजरात की मोदी सरकार ने तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर जनरल रैंक के ऑफिसर भट्ट के निलंबन का आदेश दिया है।

गुजरात सरकार ने सस्पेंड करने के कारणों के बारे में बताया है कि भट्ट का आचरण सही नहीं है।

गुजरात सरकार के एक अफसर ने बताया कि राज्य के गृह विभाग की ओर से भट्ट को उनके आवास पर एक पत्र मिला है। निलंबन पत्र मिलने के बाद भट्ट ने बताया कि “सरकार ने मुझे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। वे जो चाहे कर सकते हैं।”

भट्ट के निलंबन को उचित ठहराने के लिए जो कारण बताए गये हैं, उनके अनुसार भट्ट ड्यूटी से बिना बताए गैर हाजिर रहते हैं। विभागीय समिति के सामने उपस्थित नहीं होते हैं। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि वह सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग करते हैं।

गौरतलब है कि भट्ट ने मोदी पर गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। उन्होंने हाल में आरोप लगाया था कि दंगा मामलों पर एसआईटी जांच का ब्योरा राज्य सरकार के टॉप लॉ ऑफिसर को लीक किया गया। उन्होंने मोदी पर यह भी आरोप लगाया था कि मोदी ने दंगों के दौरान मदद के लिए मुस्लिमों की ओर से लगाई जाने वाली गुहार को पुलिसकर्मियों से अनदेखी करने के लिए कहा था।

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