गुवाहाटी ।। प्रतिबंधित युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को नई दिल्ली में एक और दौर की महत्वपूर्ण शांति वार्ता शुरू हो रही है। दोनों पक्षों के बीच उल्फा द्वारा पेश की गई मांगों पर चर्चा होने की सम्भावना है।
उल्फा अध्यक्ष अरविंद राजखोवा ने आईएएनएस से कहा, “बातचीत, केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही सौंपी गई हमारी मांगों पर केंद्रित होगी और हमें सरकार से सकारात्मक जवाब की उम्मीद है।”
राजखोवा के नेतृत्व वाले छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत अपराह्न् तीन बजे शुरू होने वाली है।
उल्फा की मांगों में असम को अपने प्राकृतिक संसाधनों पर, राजस्व जुटाने पर, योजना प्रक्रिया में हिस्सेदारी, सुरक्षित भौगोलिक स्थिति हासिल करने के अलावा तीव्र एवं संतुलित विकास पर अधिक अधिकार देने के लिए संविधान में संशोधन करना शामिल है।
सम्प्रभु स्वतंत्र असम की उल्फा की मांग हालांकि मांग पत्र में शामिल नहीं है। मांग पत्र में शामिल मांगों के अलावा जमीनी संघर्ष विराम नियमों, तथा हथियारों व कार्यकर्ताओं के समर्पण निर्धारित शिविरों तक सीमित किए जाने सम्बंधी मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
ज्ञात हो कि उल्फा और केंद्र सरकार के बीच इस वर्ष के प्रारम्भ में संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी। इसके पहले सरकार ने शीर्ष उल्फा नेताओं को जमानत पर रिहा कराने में सहयोग किया था।