नई दिल्ली ।। रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने सोमवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ राज्य के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटाए जाने के मुद्दे पर बातचीत बहुत स्पष्ट और मित्रवत हुई, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही।
रक्षा मंत्रालय के एक पुरस्कार समारोह से अलग यहां संवाददाताओं से बातचीत में एंटनी ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के अंदर और राज्य सरकार के साथ चर्चा जारी है। लेकिन उन्होंने किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए कोई समय सीमा तय करने से इंकार कर दिया।
एएफएसपीए के हटाए जाने पर रक्षा मंत्रालय के रुख के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में एंटनी ने कहा, “कल (रविवार) जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री के साथ मेरी बहुत स्पष्ट और बहुत मित्रवत बातचीत हुई। बातचीत फलदायी रही, लेकिन बेनतीजा।”
एंटनी ने कहा, “चर्चा जारी रहेगी। सरकार के अंदर भी हमारी चर्चा जारी है।” यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुद्दे पर इस सप्ताह के अंदर कोई निर्णय आ सकता है, उन्होंने कहा, “कोई समय सीमा मत तय कीजिए।”
एंटनी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पहले ही कई बार अपने विचार जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है, हमें इस मुद्दे को बहुत ही परिपक्व व शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने दीजिए। मैं इस संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक बहस या सार्वजनिक विवाद में नहीं फंसना चाहता।”
जम्मू एवं कश्मीर के सुरक्षा हालात पर एंटनी ने कहा कि फिलहाल सुरक्षा हालात काफी बेहतर हैं। उन्होंने कहा, “लेकिन सीमा पार से घुसपैठ की जारी कोशिशों को देखते हुए हमें 24 घंटे सतर्क रहना है।”
रक्षा मंत्रालय में युद्ध बंदियों के लिए एक अलग प्रकोष्ठ बनाने सम्बंधी एक अन्य सवाल पर एंटनी ने कहा कि पिछले कई वर्षो से सरकारें युद्ध बंदियों का पता लगाने और उनकी पहचान करने की कोशिशों में लगी हुई हैं, लेकिन अभी तक इसमें कोई सफलता नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा, “हम अपना प्रयास गम्भीरता और ईमानदारी के साथ जारी रखेंगे।”