रालेगण सिद्धि/कोलकाता ।। अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि टीम अन्ना एकजुट है और इसे भंग नहीं किया जाएगा बल्कि इसका पुनर्गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने फैसला किया है कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए एक संविधान का निर्माण किया जाएगा।

अन्ना हजारे की इस लिखित घोषणा को टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने पढ़कर सुनाया, “भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए जल्द ही एक संविधान बनाया जाएगा और इसके बाद कोर कमेटी का पुनर्गठन किया जाएगा।”

इससे पहले अन्ना हजारे के सहयोगियों ने आपस में मतभेद से इंकार करते हुए रविवार को कहा कि वे एकजुट हैं। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने और इसके जरिये उनके बीच संघर्ष पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। लेकिन पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसका खंडन किया और एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ कथित सम्बंधों को लेकर टीम अन्ना पर हमला किया।

गाजियाबाद में शनिवार को हुई ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ की कोर कमेटी की बैठक के बाद रविवार को टीम अन्ना के सदस्य अन्ना हजारे से मिलने रालेगण सिद्धि पहुंचे। कोर कमेटी के कुछ सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर टीम अन्ना ने कोर कमेटी के सदस्यों के लिए आचार संहिता बनाने और इसका उल्लंघन करने पर उन्हें समिति से बाहर किए जाने का भी निर्णय लिया।

कोर कमेटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हम सभी एकजुट हैं। प्रभावी लोकपाल विधेयक संसद में लाए जाने और इसे पारित कराने के लिए हम शीतकालीन सत्र तक इंतजार करेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो हम अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे।” उनके साथ प्रशांत भूषण और किरण बेदी भी थीं।

अन्ना हजारे की मौजूदगी में केजरीवाल ने कहा, “कांग्रेस के कुछ नेता टीम को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोग हमें अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह 20 करोड़ लोगों का आंदोलन है। यदि हम इस वक्त आंदोलन छोड़ देते हैं तो लोगों का भरोसा हम पर से उठ जाएगा। जब तक लोकपाल अस्तित्व में नहीं आ जाता, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।”

केजरीवाल और बेदी ने उनके खिलाफ लगे वित्तीय अनियमितता के आरोपों से भी इंकार किया और कहा कि छह माह के आईएसी के खातों का लेखा परीक्षण किया गया है। इसे एक नवम्बर को आंदोलन की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा।

केजरीवाल ने सरकार को नौ लाख रुपये की उस बकाया राशि के भुगतान की बात भी कही, जो उन पर भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) से इस्तीफा देते वक्त सेवा शर्ते तोड़ने के लिए जुर्माने के तौर पर लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह अपने दोस्तों से कर्ज लेंगे।

इस बीच, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों के कथित सम्बंधों को लेकर उन पर हमला किया। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर उन्होंने लिखा, “बाबा रामदेव अपने अभियान के लिए आरएसएस से मिले समर्थन को लेकर कहीं अधिक ईमानदार हैं। मुझे समझ नहीं आता कि अन्ना हजारे इससे इंकार क्यों कर रहे हैं।”

उन्होंने इसका खंडन किया है कि वह अन्ना हजारे के सहयोगियों के बीच संघर्ष पैदा करने की कोशिश कर रही है। कोलकाता में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे दिग्विजय ने अन्ना हजारे के सहयोगियों को संसद का सम्मान करने की नसीहत भी दी और कहा, “उन्हें देश के संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था में यकीन रखना चाहिए। संसद की स्थाई समिति लोकपाल विधेयक पर चर्चा कर रही है।”

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