हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में अलग राज्य के लिए चल रही अनिश्चितकालीन ‘आम हड़ताल’ के बुधवार को 30 दिन पूरे हो गये।

अलग राज्य के समर्थन में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहने के कारण प्रशासनिक कार्यो पर बुरा असर पड़ा है। हड़ताल के कारण सरकारी स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोयला खान में कोयला उत्पादन घट गया है।

तेलंगाना सरकारी कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने सरकार के वार्ता प्रस्ताव को यह कर ठुकरा दिया कि जब तक उसके नेताओं के विरुद्ध सभी मामले वापस नहीं हो जाते तब तक कोई बात नहीं होगी।

जेएसी के नेता स्वामी गौड़ ने बुधवार को पत्रकारों को बताया, “एक तरफ सरकार वार्ता के लिए आमंत्रित कर रही है और दूसरी तरफ हमारे खिलाफ मामला दर्ज कर रही है। वार्ता के लिए यह माहौल उचित नहीं है।”

सरकार ने कर्मचारी नेताओं को बुधवार 12 बजे दोपहर में वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।

आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के एक वर्ग द्वारा हड़ताल वापस लेने के बाद भी तेलंगाना क्षेत्र में अधिकतर बसें 24वें दिन नहीं चलीं।

सिंगरेनी की 50 कोयला खानों में हड़ताल के कारण उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। इसके कारण आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है। दूसरी तरफ हैदराबाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सरकारी एवं निजी संस्थान खुले लेकिन शेष तेलंगाना क्षेत्र स्कूल और कॉलेज एक महीने से बंद हैं।

जेएसी नेताओं ने हड़ताल के सफल होने का दावा करते हुए दावा किया कि सरकार की दमनात्मक कार्रवाईयां कर्मचारियों का संकल्प तोड़ने में असफल रही हैं।

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