हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में पृथक राज्य के लिए आंदोलन चला रही तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने रविवार को अपने तीन दिवसीय रेल रोको अभियान में कटौती करते हुए कथित ‘पुलिस जुल्म’ के खिलाफ सोमवार को क्षेत्र में बंद के आयोजन का ऐलान किया। वहीं सरकारी बसें सड़कों पर फिर से दौड़ने लगीं। मंगलवार को स्कूल-कालेज भी फिर से खुल जाएंगे।

समूचे तेलंगाना क्षेत्र में रेल सेवाएं हालांकि दूसरे दिन भी बाधित रहीं। जेएसी ने रेल रोको अभियान में कटौती करने का निर्णय लिया है।

जेएसी संचालन समिति की बैठक के बाद इसके नेता एम. कोडंडरम ने रविवार रात संवाददताओं से कहा कि सोमवार को रेल रोको अभियान नहीं चलाया जाएगा, लेकिन उन्होंने लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की।

‘रेल रोको’ अभियान के पहले दिन जहां बड़ी संख्या में गिरफ्तारी हुई, वहीं दूसरे दिन हैदराबाद सहित क्षेत्र के 10 जिलों में केवल छिटफुट प्रदर्शन हुए।

पुलिस ने रेल पटरियों पर धरना दे रहे लगभग 200 लोगों को वारंगल, नलगोंडा और खम्मम जिलों में गिरफ्तार किया।

कम से कम 126 रेलगाड़ियां दूसरे दिन भी रद्द रहीं। अधिकारियों ने हालांकि लगभग 15 रेलगाड़ियां तय समय पर चलाईं और पूर्व में रद्द घोषित कुछ रेलगाड़ियों की सेवा बहाल की।

संभावना है कि अधिकारी सोमवार को रेल सेवाएं बहाल कर देंगे। आंदोलन चला रही तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने हालांकि रेल रोको अभियान के दौरान ‘पुलिस जुल्म’ के विरोध में इस दिन बंद का ऐलान किया है।

जेएसी के संयोजक कोडंडरम ने कहा, “सोमवार को हम रेल रोको अभियान के बजाय बंद का आयोजन करेंगे।”

बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है, क्योंकि रविवार को करीब एकमहीने बाद सड़कों को लौटी बसों के पहिये फिर थम जाएंगे।

ऑटो रिक्शा चालकों ने भी रविवार आधी रात से 24 घंटे की हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।

पुलिस ने शनिवार को कड़े कदम उठाते हुए रेल रोको अभियान में भाग ले रहे 10 सांसदों और कई विधायकों सहित 3,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।

कांग्रेस सांसद पूनम प्रभाकर और एस. राजैया को क्रमश: करीमनगर एवं वारंगल जिला जेल भेज दिया गया।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सांसद विजयाशांति को भी रविवार सुबह जेल भेज दिया गया, बाद में सिकंदराबाद की एक रेल अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।

टीआरएस विधायक हरीश राव और ई. राजेंद्र एवं दर्जनों अन्य नेताओं को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

उधर, छात्रों के अभिभावकों की अपील पर सरकारी शिक्षकों ने रविवार को अपनी हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। तेलंगाना टीचर्स ज्वाइंट एक्शन केमटी ने कहा कि शिक्षक मंगलवार से कक्षाएं शुरू करेंगे।

शिक्षक हालांकि पंजी पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और अलग राज्य के गठन में हो रही देरी के विरोधस्वरूप वेतन नहीं लेंगे।

ज्ञात हो कि ‘जन हड़ताल’ के तहत 120,000 से अधिक शिक्षक एक महीने से हड़ताल पर हैं।

निजी स्कूलों और कालेजों के शिक्षकों ने भी मंगलवार से काम पर लौटने का निर्णय लिया है। सरकार ने चेतावनी दी है कि बंद रहने पर निजी शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता रद्द की जा सकती है। शिक्षा मंत्री के. पार्थसारथी ने कहा कि सोमवार को बंद के ऐलान के मद्देनजर सरकार मंगलवार तक स्कूलों के खुलने की प्रतीक्षा करेगी।

वहीं, राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) के कर्मचारियों ने लोगों की असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पिछले 28 दिनों से जारी हड़ताल से रविवार को अलग होने का फैसला किया। कर्मचारियों के इस फैसले के बाद तेलंगाना क्षेत्र में बस सेवा बहाल हो गई जिससे लोगों को काफी राहत मिली।

पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर जारी हड़ताल में इन कर्मचारियों के भी शामिल होने की वजह से सरकारी बसें लगभग एक महीने से सड़कों पर नहीं चल रही थीं।

तेलंगाना क्षेत्र के नौ जिलों के राज्य सड़क परिवहन निगम के 60,000 कर्मचारी वापस काम पर लौट आए हैं। कर्मचारी संघ के नेताओं ने लोगों की असुविधाओं का ध्यान रखते हुए हड़ताल से अलग होने का फैसला किया।

कर्मचारियों के एक धड़े ने हालांकि पिछले सप्ताह ही हड़ताल से अलग होने का फैसला किया था लेकिन अधिकांश कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने की वजह से बसें नहीं चल पा रही थीं।

सड़क परिवहन निगम प्रबंधन की ओर से 10,000 में से केवल तीस फीसदी बसें हैदराबाद और खम्मम जिले में चलाई जा रहीं थीं लेकिन यह लोगों के लिए पार्याप्त साबित नहीं हो पा रही थीं।

निगम के अधिकारियों के मुताबिक हड़ताल की वजह से प्रतिदिन सात करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।

इस बीच सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और राज्य की सिंगरेनी खदानों के कर्मचारी पिछले 34 दिनों से हड़ताल पर हैं, जिस वजह से कोयले का उत्पादन पर खासा असर पड़ा है। सरकार को उम्मीद है कि सिंगरेनी के कर्मचारियों की हड़ताल भी जल्द ही समाप्त हो जाएगी।

रेल रोको अभियान से अच्छे तरीके से निपटने के बाद सरकार अब तेलंगाना क्षेत्र में माहौल सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है।

दूसरी ओर, जेएसी अपने आंदोलन को जिंदा रखने के लिए हैदराबाद में रैली करने पर विचार कर रही है। तिथि की घोषणा जल्द की जाएगी।

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