हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच स्थिति धीरे-धीरे सुधरती दिखायी दे रही है। एक तरफ जहां सिंगारेनी कोइलरिज कम्पनी लिमिटेड में कोयले का उत्पादन मंगलवार को पुन: शुरू हो गया वहीं दूसरी ओर लम्बे समय से बंद शिक्षण संस्थाएं भी खुल गईं।
तेलगांना के चार जिले में स्थित करीब 50 खदानों के मजदूर सोमवार आधी रात को काम पर लौट आए। श्रमिक संगठनों ने अस्थायी तौर पर आंदोलन बंद करने की घोषणा की है।
तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के समन्वयक एम. कोडानडरम ने कम्पनी के प्रबंधन से बातचीत करने के बाद श्रमिक संगठनों की ओर से हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।
बातचीत के दौरान कम्पनी प्रबंधन इस बात के लिए भी सहमत हो गया कि मजदूर जितने दिन हड़ताल पर रहे हैं उसे विशेष अवकाश की श्रेणी में शामिल किया जाएगा तथा त्योहार के मौके पर बोनस भी दिया जाएगा। हड़ताल के दौरान दर्ज किए गए मामलों को भी वापस लेने का फैसला किया गया।
सिंगारेनी कम्पनी में 35 दिनों बाद मंगलवार को दोबारा कोयले का उत्पादन शुरू होने से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित छह राज्यों को राहत मिली।
कोयले की कमी की वजह से ही आंध्र प्रदेश में घेरलू, औद्योगिक और कृषि इकाइयों में बिजली कटौती शुरू कर दी गई थी। हड़ताल की वजह से थर्मल पॉवर स्टेशनों में बिजली का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।
सिंगारेनी कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि पहली पाली में करीब 22,000 मजदूरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी जबकि इसकी संख्या 40,000 होती है।
अधिकारियों ने कहा कि हड़ताल वापस लेने की खबर अभी ज्यादातर मजदूरों को नहीं मिली है। उम्मीद है कि जैसे जैसे यह खबर उन तक पहुंचेगी, खदान में काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी बढ़ेगी।
हड़ताल की वजह से सिंगारेनी कम्पनी में 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इस बीच तेलंगाना क्षेत्र में लम्बे समय से बंद स्कूलों और कॉलेजों में भी शिक्षण कार्य प्रारम्भ हो गया है।
मुख्यमंत्री एन.किरण कुमार रेड्डी से बातचीत के बाद लगभग 150,000 सरकारी शिक्षकों ने सोमवार रात को अपनी हड़ताल वापस ले ली। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की मांग के अलावा सभी मांगे सरकार ने मान ली है।
सरकार ने पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को यह कहते हुए मानने से इंकार कर दिया है कि यह मामला राज्य सरकार के दायरे में नही आता है।
उधर, आंध्र प्रदेश सड़क परिवहन निगम (एपीएसआटीसी) ने 28 दिनों से जारी हड़ताल से अलग होने का ऐलान पहले ही कर दिया था।