नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को दूरसंचार उद्योग के सभी घटकों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी चिंताओं को दूर करेगी और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास में दूरदर्शी नीतियों के जरिए मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने दूरसंचार विभाग और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कार्मस एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित भारतीय दूरसंचार शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, “मुझे दूरसंचार क्षेत्र में सरकारी नीतियों को लेकर दूरसंचार उद्योग की कुछ चिंताओं के बारे में जानकारी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं अपनी अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में वृद्धि, रचनात्मकता और उद्यमिता बनाए रखने की सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता के बारे में इस उद्योग को आश्वस्त करना चाहता हूं।”
प्रधानमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पिछले ही सप्ताह निजी क्षेत्र की पांच शीर्ष दूरसंचार कम्पनियों के प्रमुखों के साथ उनकी मुलाकात हुई थी। उन कम्पनी प्रमुखों ने स्पेक्ट्रम की अनुपलब्धता को लेकर तथा इन मूल्यवान तरंगों को आपस में साझा करने पर लागू प्रतिबंध को लेकर चिंता जाहिर की थी।
बैठक में जिन लोगों ने हिस्सा लिया था, उनमें भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल, रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अम्बानी, आदित्य विक्रम बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला, वोडाफोन समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विटोरिया कोलाओ और टाटा सन्स के निदेशक इशात हुसैन शामिल थे।
मनमोहन सिंह ने कहा, “मैं इस अवसर पर आप सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारी सरकार दूरदर्शी नीतियां बनाती रहेगी, जिनसे दूरसंचार क्षेत्र में वृद्धि प्रोत्साहित होगी।”
प्रधानमंत्री के अनुसार, भारत आज दुनिया में सबसे तेजी के साथ बढ़ रहा दूरसंचार बाजार है, जहां हर महीने 1.8 करोड़ नए कनेक्शन दूरसंचार नेटवर्क से जुड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूरसंचार नीति के नए मसौदे का लक्ष्य 2017 तक 17.50 करोड़ ब्राडबैंड कनेक्शन का और 2020 तक 60 करोड़ ब्राडबैंड कनेक्शन का है, जिनकी न्यूनतम डाउनलोड रफ्तार दो मेगाबाइट्स प्रति सेकंड की होगी। फिलहाल मात्र 1.28 करोड़ ब्राडबैंड कनेक्शन ही हैं।