नई दिल्ली, Hindi7.com ।। पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेने वाले आतंकवादियों ने क्रूरता की सारी हदों को तोड़ते हुए भारतीय सेना के दो जवानों के सिर काटकर अपने साथ ले गए। इस नृशंस घटना से भारतीय सेना के अधिकारी भी हैरान हैं।

खबरों के मुताबिक, घटना जुलाई के आखिरी हफ्ते की है, जब कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादियों और भारतीय सेना के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस बात की आशंका जाहिर की जा रही है कि आतंकवादियों ने 20 कुमाऊं रेजिमेंट के दो जवानों की हत्या करके उनके सिर बतौर वॉर ट्रॉफी अपने साथ ले गए।

उधर, सेना के अधिकारी इस घटना की पुष्टि नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इसका कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा ले रहे दूसरे जवानों के मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है।

पेट्रोलिंग पार्टी का हिस्सा रहा 19 राजपूत रेजिमेंट का एक अन्य जवान भी मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से शहीद हो गया था। सेना के अधिकारी दबी जुबान में कह रहे हैं कि कुमाऊं रेजिमेंट के दो जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए गए थे। उनके धड़ को भी विकृत कर दिया गया था। यह घटना तकरीबन उसी दौरान हुई, जब पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत के दौरे पर थीं।

शहीद जवानों की पहचान हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी और लांस नायक देवेंद्र सिंह के रूप में की गई है। गोली लगने से शहीद हुए तीसरे जवान के बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

जवानों का उनके पैतृक जिलों पिथौरागढ़ और हल्द्वानी में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद उत्तराखंड पुलिस के अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि शव ऐसी हालत में थे कि उनके परिवार या रिश्तेदारों को देखने की इजाजत नहीं दी गई।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि सेना की तरफ से मिली सूचना में कहा गया है कि गोलीबारी के दौरान इनके सिर धड़ से अलग हो गए। वहीं, लांस नायक देवेंद्र सिंह के चाचा ने भी इस बात को माना कि परिवारवालों को शहीद का शव देखने नहीं दिया गया।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों ने रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड से जवानों पर हमला किया और उनके सिर उड़ा दिए गए। 

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